Gemology: रत्न शास्त्र में 9 रत्नों के बारे में बताया गया है. हर रत्न का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है. अगर आप इन रत्नों को धारण करते हैं तो आपकी कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है. इसी के चलते आज हम आपको बेश-किमती रत्न हीरे के बारे में बताने जा रहे हैं. हीरे की खूबसूरती और चमक लोगों को बहुत पसंद आती है. लेकिन रत्न शास्त्र के अनुसार हर किसी को हीरा रत्न पहनना शुभ परिणाम नहीं देता है. हीरा पहनने से पहले कुछ नियमों और विधि के बारे में जानना बहुत जरूरी होता है वरना अशुभ परिणाम झेलने पड़ सकते हैं.


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किसके लिए शुभ होता है हीरा?
कोई भी रत्न धारण करने से पहले आपको विद्वानों की सलाह जरूर लेनी चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हीरा शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. वृष, मिथुन, कन्या, तुला और कुंभ राशि के जातकों के लिए हीरा धारण करना शुभ माना जाता है. इसके अलावा अगर आपकी कुंडली में शुक्र योगकारक है तो हीरा आपको शुभ परिणाम देगा. 



किन राशियों को नहीं पहनना चाहिए हीरा?
कोई भी रत्न धारण करने से पहले कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति जानना बहुत जरूरी होता है. जानकारी के लिए बता दें कि मेष, मीन, कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए हीरा पहनना शुभ नहीं माना जाता है.



हीरा पहनने के फायदे
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हीरा पहनने से पर्सानिलिटी में निखार आता है और आकर्षण बढ़ता है. 
दांपत्य जीवन में निखार पाने के लिए हीरा पहनना शुभ माना जाता है. 
मीडिया, फैशन डीजाइनिंग के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए हीरा पहनना लाभदायक होता है.
आत्मविश्वास को मजबूत करने के लिए हीरा पहनना लाभदायक होता है.


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कैसे धारण करें हीरा?
आप 0.50 से लेकर 2 कैरट का हीरा धारण कर सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आप हीरा सोना या चांदी में जड़वाकर पहन सकते हैं. हीरे को आप शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को सूर्योदय होने के बाद पहन सकते हैं. 


(Disclaimer: कोई भी रत्न धारण करने से पहले किसी विद्वान और ज्योतिषी से जरूर सलाह लें. यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)