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Gomed Stone Wearing Rules: अक्सर लोगों की जिंदगी में समस्याओं का अंबार लगा रहता है. इसका कारण व्यक्ति के ग्रह नक्षत्रों की स्थिति होती है. बता दें कि कुंडली में किसी भी ग्रह के कमजोर होने पर व्यक्ति को अलग-अलग तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कुंडली में अगर छाया ग्रह राहु कमजोर हो, तो व्यक्ति की जीवन में समस्याओं का अंबार लग जाता है. ज्योतिष शास्त्र में भी नवग्रहों को शांत करने के कई उपायों के बारे में बताया गया है.
बता दें कि कुंडली में राहु की स्थिति मजबूत करने और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए रत्न शास्त्र में एक रत्न का जिक्र किया गया है, जो राहु की महादशा शांत करने में मदद करता है. रत्न शास्त्र के अनुसार अगर कुंडली में राहु की स्थिति मजबूत होती है, तो व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. ऐसे में जानते हैं राहु को मजबूत बनाने के लिए कौन सा रत्न धारण करना चाहिए.
राहु को मजबूत करने के लिए धारण करें ये रत्न
अगर कुंडली में राहु को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो रत्न शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को गोमेद रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि गोमेद को हमेशा चांदी या फिर अष्टधातु की अंगूठी में ही धारण करें. इसके अलावा इसे 6 रत्ती से कम में धारण करना ही बेहतर रहता है.
गोमेद धारण करने से जान लें नियम
- अगर आप राहु के अशुभ प्रभावों को दूर करना चाहते हैं, तो गोमेद धारण करते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखें. इसे धारण करने के लिए शतभिषा, स्वाति और आर्द्रा नक्षत्र को बहुत शुभ माना गया है. गोमेद धारण करने से पहले उसे गंगाजल, दूध, शहद और चीनी में भिगो दें और थोड़ी देर के लिए रख दें. इसके बाद ही इसे धारण करें.
गोमेद धारण करने का तरीका
गोमेद को शुद्ध करने के बाद उसे धारण करते समय 21 या फिर 108 बार ॐ रां राहवे नमः मंत्र का जाप करें. जिसके बाद गोमेद को कनिष्का उंगली में ही धारण करें.
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गोमेद धारण करने के फायदे
गोमेद नकारात्मकता को दूर करता है.
राहु के बुरे प्रभाव को दूर करता है.
शत्रुओं का नाश करने में मदद करता है. मानसिक तनाव को दूर करता है साथ ही यह रत्न सफलता में आ रही सभी बाधा को दूर करने में भी मदद करता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)