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Sharad Purnima Significance: शास्त्रों में अश्विन माह की पूर्णिमा का खास महत्व बताया गया है. शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के निमित्त व्रत रखा जाता है. इसे कोजागरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा या कौमुदी व्रत भी कहते हैं. शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा पृथ्वी से काफी नजदीक होता है. ऐसी मान्यता है कि इस रात चंद्रमा की किरणें धरती पर अमृत की बारिश करती हैं. यही वजह है कि शरद पूर्णिमा की रात को लोग चंद्रमा की रोशनी में खीर रखते हैं और फिर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं.
शरद पूर्णिमा 2024 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा 2024 में 16 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इस दिन शरद पूर्णिमा तिथि सुबह 8 बजे से शुरू होगी और इसका समापन 17 अक्टूबर की शाम 5 बजे होगा. इस दिन शाम के समय में पूजा करना शुभ माना गया है.
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शरद पूर्णिमा का महत्व
ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की किरणें धरती पर अमृत वर्षा करती हैं. इस दिन चंद्रमा सभी 16 कलाओं से पूर्ण रहता है. लोग शरद पूर्णिमा के दिन में खीर तैयार करते हैं और फिर उसे रात को किसी खुले बर्तन में चंद्रमा की खुली रोशनी में रख देते हैं. इस खीर को फिर अगली सुबह प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि अमृतमयी इस खीर को ग्रहण करने से इंसान स्वस्थ्य रहता है और उसको जीवन की तमाम परेशानियों से छुटकारा मिलता है.
शरद पूर्णिमा पर करें ये कार्य
शरद पूर्णिमा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी या फिर घर में पवित्र नदी के जल मिले पानी से स्नान करें. दिन शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा जरूर करें. रात में चंद्रमा को अर्घ्य दें. इसके बाद चावल और गाय के दूध से बनी खीर चंद्रमा की रोशनी में रखें. मध्य रात्रि में मां लक्ष्मी को इस खीर का भोग लगाएं और फिर प्रसाद के रूप में परिवार के सभी सदस्य इसे ग्रहण करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)