अगर आप भी नवरात्रों में माता का आगमन करने वाले हैं तो शॉपिंग का सारा काम आज ही निपटा लें. क्योंकि कहीं ऐसा न हो कि आप पूजा करने बैठे और सामान न मिलें. मां दुर्गा के नौ रूप इस प्रकार हैं.
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नई दिल्ली : 6 अप्रैल यानि की कल से मां दुर्गा के दिन चैत्र नवरात्रों की शुरुआत हो रही है. माता के जो भक्त चैत्र नवरात्रों में व्रत रखेंगे वह घर में कलश स्थापना भी करेंगे. पौराणिक मान्यता है कि कलश में माता विराजती हैं. इसलिए इसका खास महत्व होता है. भक्त कलश की स्थापना करने के लिए शुभ मुहूर्त का इंतजार करते हैं. कलश की स्थापना के दौरान कुछ ऐसे सामान की आवश्यकता होती है, जो अमूमन हमारे घरों में नहीं मिलता. इसलिए नवरात्रों से ठीक एक दिन पहले दुकानों पर माता के स्वागत की तैयारियों की लिए सामान की खरीददारी के लिए भारी भीड़ जुटती है.
अगर आप भी नवरात्रों में माता का आगमन करने वाले हैं तो शॉपिंग का सारा काम आज ही निपटा लें. क्योंकि कहीं ऐसा न हो कि आप पूजा करने बैठे और सामान न मिलें. मां दुर्गा के नौ रूप इस प्रकार हैं. मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री. माता के हर स्वरुप की पूजा अलग-अलग तरह से होती है. जिसके लिए विधिवत पूजा सामग्री न जुटाई जाए तो पूजा को अधूरा ही माना जाता है. तो आइए जानते हैं कि आखिरकार क्या है वो सामान जिनके बिना माता की पूजा अधूरी मानी जाती है.
मां के लिए सोलह श्रृंगार : माता के घर में आगमन होते ही उनका श्रृंगार करना आवश्यक होता है. इसलिए माता के सोलह श्रृंगार का सामान जैसे, लाल चुनरी, लाल चूड़ी, बिछिया, पायल, लाल सिन्दूर, महावर, लाल रंग की बिंदी, लाल रिबन, मेहंदी, हार, कान के लिए कर्णफूल लेना न भूलें.
कलश की स्थापान के लिए : घर में कलश की स्थापना के लिए मिट्टी का कलश, पानी वाला नारियल, आम्रपत्र, मौली, रोली, गंगा जल, केसर जायफल, एक सिक्का, जौ, एक दिया, दही, रुई की बत्ती अवश्य लें. कुछ लोग कलश की स्थापना के लिए नया कलश नहीं लेते हैं और पुराने में ही नए जौ को बो देते हैं, लेकिन यह करना गलत है. शास्त्रों में कहा गया है कि माता के आगमन पर कलश की स्थापना के लिए हर बार नया बर्तन ही होना चाहिए.
जौ बोने के लिए: मिट्टी का एक बर्तन, साफ मिट्टी ( जिसमें जौ बोया जा सके), जौ.
अखंड ज्योति के लिए: मिट्टी का दिया, गाय का घी, रुई की बत्ती, चावल, हवन सामग्री, आम की सूखी लकड़ी, हवन सामग्री.
क्या है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रों में इस बार कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सिर्फ 4 घंटे 10 मिनट तक ही रहेगा. कलश स्थापना मुहूर्त सुबह 06 बजकर 09 मिनट से लेकर 10 बजकर 21 मिनट तक रहेगा.