Chaturmas in 2023: 29 जून को देवशयनी एकादशी के साथ ही चातुर्मास प्रारंभ हो गया है और यह देव उठनी एकादशी अर्थात 23 नवंबर 2023 तक रहेगा. धर्म शास्त्रों में चातुर्मास की महिमा का विस्तार से वर्णन है. इस अवधि में की गई साधना व छोटी से छोटी उपासना भी महान फल को देने वाली बताई गई है. इस समय किया गया दान, मंत्र. जप  व नियम का पालन अक्षय फल देने वाला बताया गया है. इस साल चातुर्मास में भी अधिकमास होने कारण इसका महात्म्य और बढ़ गया है. 


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शास्त्रों में कहा गया है कि चातुर्मास में हर व्यक्ति को कुछ नियमों के पालन करने का संकल्प अवश्य ही लेना चाहिए. स्कंद पुराण, पद्म पुराण आदि में चातुर्मास में मनुष्यों के पालन करने के अनेक नियम बताए गए हैं, जिनमें से कुछ नियमों का पालन तो करना ही चाहिए. यदि नौकरी, व्यापार या अन्य किसी कारण से कुछ परेशानी है तो भी कम से कम एक नियम का पालन तो अपनी सुविधा के हिसाब से चयन कर करें. 


नियम


- अपने घर के निकट के किसी भी मंदिर में नित्य भगवान के दर्शन. 


- नित्य नाम जप, इसके लिए अपने समय को ध्यान करते हुए नियम बनाया जाना चाहिए. 


- नित्य भगवद्गीता के एक श्लोक या एक अध्याय के पाठ का नियम.


- नित्य श्रीमद्भागवत महापुराण के पाठ का अभ्यास. 


- नित्य पवित्र नदियों के स्नान का नियम यदि संभव नहीं हो तो अमावस्या, पूर्णिमा और एकादशी के दिन स्नान करें. 


- नॉनवेज और तामसी भोजन का त्याग. 


- नित्य विष्णु सहस्त्रनाम के जप का नियम.


- रोज शिव सहस्त्रनाम के जप का नियम.


- शिव महापुराण के पाठ का नियम बनाना. 


- बरगद, पीपल, बेलपत्र आदि के वृक्ष का रोपण


- घर में यदि तुलसी का पौधा नहीं है तो उसे लगाना चाहिए. 


- चातुर्मास में एकादशी के व्रत का नियम. 


- रोज संध्या में दीपदान करना 


- चातुर्मास में किसी एक तीर्थ का दर्शन.


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