Guru Pradosh Vrat Remedies: हिंदू धर्म में हर तिथि का अपना महत्व है. हर माह के दोनों पक्षों की त्रियोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव के लिए पूजा की जाती है. इन्हें प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के लिए व्रत रखने और उनकी पूजा-पाठ करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन व्रत रखने से हर कष्ट और पाप से मुक्ति मिलती है.  ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी तिथि इस बार 1 जून, गुरुवार के दिन पड़ रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गुरुवार होने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान शिव के साथ श्री हरि भगवान विष्णु की पूजा का भी खास महत्व है. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करने से महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन कुछ उपाय व्यक्ति के सभी दुख-दर्द और कष्टों को दूर करते हैं. साथ ही, व्यक्ति को धन-धान्य की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, इससे व्यक्ति की सेह में सुधार होगा.
 
प्रदोष व्रत के दिन कर लें ये उपाय


शत्रुओं से मिलेगा छुटकारा


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप लंबे समय से शत्रुओं से परेशान हैं, तो गुरु प्रदोष व्रत के दिन किसी शिव मंदिर में जाएं और शमी की पत्तियों को गंगाजल से धो लें. इसके बाद इसे शिवलिंग पर चढ़ाएं.इसके बाद वहीं बैठ जाएं और  'ऊं नम: शिवाय' मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. इस उपाय को करने से व्यक्ति को जल्द ही शत्रुओं से छुटकारा मिलता है.


बेहतर स्वास्थ्य के लिए करें ये उपाय


बता दें कि प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करना सही रहता है. इस दिन शाम के समय शिव मंदिर जाएं. इसके साथ ही भगवान को सूखा नारियल अर्पित करें. इसके बाद भगवान शिव से अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करें. इससे व्यक्ति को सालभर भगवान शिव की कृपा मिलेगी और आपकी सेहत में सुधार होगा.


दूर होंगे शनि, राहु-केतु के अशुभ प्रभाव


अगर आपकी कुंडली में शनि, राहु-केतु का अशुभ प्रभाव पड़ रहा है और आप उससे बाहर निकलना चाहते हैं, तो गुरु प्रदोष व्रत वाले दिन काले तिल मिलाकर शिव जी को अर्घ्य दें. इससे ग्रहों के अशुभ फल मिलने बंद हो जाते हैं.


घर में सुख-समृद्धि के लिए


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय शिव मंदिर जाएं. इस दिन मंदिर में देसी घी का दीपक जलाएं. बस इस उपाय को करने से ही व्यक्ति के घर में सुख-शांति की प्राप्ति होगी.  


किस कलंक के कारण घटता-बढ़ता है चांद? जान लें इससे जुड़ी रोचक पौराणिक कथा
 


3 या 4 जून कब है ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा? जानें सही तारीख, स्‍नान-दान, पूजा का मुहूर्त


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)