नई दिल्‍ली: धरती पर बुराइयों का नाश करने के लिए, धर्म की स्‍थापना करने के लिए भगवान अवतार लेते हैं. भगवान विष्‍णु ने और भगवान शिव ने भी कई अवतार लिए हैं. शास्‍त्रों में भगवान शिव और भगवान विष्‍णु के कलियुग के अवतारों का भी वर्णन है. भगवान विष्‍णु कलियुग में कल्कि रूप में अवतार लेंगे. जबकि भोलेनाथ के 2 अवतार तो आज भी इस धरती पर मौजूद हैं.  


एक अवतार की होती है पूजा दूसरे को मिला है श्राप


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भगवान शिव के ये 2 अवतार हैं भगवान हनुमान और महाभारत काल के योद्धा अश्‍वत्‍थामा. इनमें से भगवान हनुमान पूजे जाते हैं जबकि अश्‍वत्‍थामा के बारे में कहा जाता है कि आज भी वो कहीं घने जंगल में भटक रहे हैं. हनुमान ने वानरराज केसरी की पत्‍नी अंजनी की कोख से जन्‍म लिया था, वहीं अश्‍वत्‍थामा का जन्‍म गुरु द्रोणाचार्य के घर में हुआ. इसके लिए दोणाचार्य ने घोर तपस्या कर शिवजी से वरदान मांगा था कि वे उनके पुत्र के रूप में जन्‍म लें. तब सवन्तिक रूद्र के अंश से अश्वत्थामा का जन्म हुआ.


माता सीता ने दिया अमर होने का आशीर्वाद 


जब पवनपुत्र हनुमान माता सीता को खोजने के लिए पूरा समुद्र लांघ कर लंका पहुंचे तो सीता माता ने उन्‍हें अमर होने का आशीर्वाद दिया था. इसलिए कहा जाता है कि हनुमान जी आज भी जीवित हैं और उनके भक्‍तों की संख्‍या असंख्‍य है. 


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अश्वत्थामा को मिला था श्राप 


वहीं महाभारत युद्ध के समय जब कौरवों की पराजय हो गई तो अश्वत्थामा ने रात को सोते समय पांडवो के पांचों पुत्रो की हत्‍या कर दी थी. साथ ही उत्तरा के गर्भ को नष्ट करने के लिए ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया. इससे नाराज होकर भगवान श्री कृष्ण ने अश्वत्थामा को श्राप दिया था कि तुम चिरकाल तक पृथ्वी पर जीवित रहोगे और भटकते रहोगे. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)