Prayagraj Mahakumbh 2025: सनातन धर्म को एकजुट करने में इतिहास रचेगा महाकुंभ, प्रयागराज में कई दलित संत बनेंगे महामंडलेश्वर और महंत
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Prayagraj Mahakumbh 2025: सनातन धर्म को एकजुट करने में इतिहास रचेगा महाकुंभ, प्रयागराज में कई दलित संत बनेंगे महामंडलेश्वर और महंत

Prayagraj Mahakumbh 2025 News: प्रयागराज में अगले साल होने वाला महाकुंभ सनातन धर्म को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाने जा रहा है. समाज में जाति भेद की दीवार गिराने के लिए इस बार कई दलित संतों को महंत, महामंडलेश्वर की पदवी दी जाएगी.

Prayagraj Mahakumbh 2025: सनातन धर्म को एकजुट करने में इतिहास रचेगा महाकुंभ, प्रयागराज में कई दलित संत बनेंगे महामंडलेश्वर और महंत

Prayagraj Mahakumbh 2025 News: प्रयागराज में संगम की रेत पर लगने जा रहे महाकुम्भ मेले में इस बार नया इतिहास बनने जा रहा है. जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि की अगुवाई में कई दलित सन्यासियों का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर, महंत और थानापति बनाया जाएगा. बताते चलें कि जूनागढ़ के पीठाधीश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि स्वयं दलित समाज से आते हैं. 

अभी तक 907 को दिलाई दीक्षा

उन्होंने बताया कि अभी तक उन्होंने 907 लोगों को सन्यास दीक्षा दिलाई है, जिसमें 370 सन्यासी दलित समाज से हैं. उन्होंने बताया कि प्रयागराज के महाकुम्भ मेले में दलित समाज से आने वाले कई सन्यासियों का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, महंत, पीठाधीश्वर, श्रीमहंत, थानापति और सचिव आदि पदों पर आसीन किया जाएगा.

सनातन धर्म से वंचितों को जोड़ा जा रहा

स्वामी महेंद्रानंद गिरि ने बताया कि सनातन धर्म से वंचित लोगों को जोड़ा जा रहा है और उन्हें सनातन धर्म की शुचिता और आचार व्यवहार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उनके अनुसार, सनातन धर्म में इन लोगों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा रही है ताकि ये भटके हुए लोगों की सनातन धर्म में वापसी करा सकें. 

उन्होंने बताया कि चार माह पूर्व प्रयागराज में यमुना तट पर स्थित मौजगिरि आश्रम में दलित संत कैलाशानंद को महामंडलेश्वर बनाया गया था. अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत हरि गिरि के नेतृत्व में दलितों को सनातन धर्म से जोड़ने की जिम्मेदारी महेंद्रानंद गिरि को सौंपी गई है. 

जमीन आवंटन से पहले निरीक्षण करेंगे संत

उधर प्रयागराज महाकुंभ क्षेत्र में जमीन आवंटन से पहले अखाड़ा परिषद निरीक्षण करेगा. इस निरीक्षण में सभी तेरह अखाड़ों के साधु संत शामिल होंगे. यह निरीक्षण शाम 3 बजे से शुरू होगा. इस दौरान सरकार की ओर से नियुक्त मेला प्राधिकरण के अधिकारी भी निरीक्षण के दौरान मौजूद रहेंगे.

(एजेंसी भाषा)

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