Nautapa 2024: प्रचंड गर्मी के साथ हुई नौतपा की शुरुआत, करें ये 4 उपाय, बन जाएंगे बिगड़े काम
Nautapa 2024 Kab hai: ज्योतिष गणना के अनुसार जब ग्रहों के राजा यानी सूर्य ग्रह रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो नौतपा की शुरुआत होती है. इस साल नौतपा की शुरुआत कल यानी 25 मई से हो गई है.
Nautapa 2024 Upay: ज्योतिष गणना के अनुसार जब ग्रहों के राजा यानी सूर्य ग्रह रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो नौतपा की शुरुआत होती है. इस साल नौतपा की शुरुआत कल यानी 25 मई से हो गई है, वहीं इसका समापन 2 जून को होगा. नौतपा के 9 दिन भीषण गर्मी होती है. इस समय सूर्यदेव की पूजा उपासना करना बहुत शुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र की माने तो इन दिनों में आप कुछ उपाय कर जीवन की कई समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं. आइए जानते हैं नौतपा के दौरान करने वाले उपायों के बारे में.
1. सूर्यदेव को दें अर्घ्य
नौतपा में सूर्यदेव की पूजा करना शुभ परिणाम देता है. नौतपा में सूर्यदेव को तांबे या पीतल के कलश में हल्दी, कुमकुम, अक्षत, मिश्री और लाल फूल मिलाकर जल अर्घ्य दें. इससे ग्रह दोष का प्रभाव कम होता है. साथ ही समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है. इसके अलावा बीमारियों से छुटकारा मिलता है और धन-धान्य की आशीर्वाद मिलता है.
2. हल्दी का लेप
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार नौतपा के दौरान शिवलिंग पर हल्दी का लेप लगाना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और रुके हुए कार्य पूरे हो जाते हैं. इसके अलावा करियर में सफलता प्राप्त होती है और देवों के देव महादेव की कृपा हमेशा आपके ऊपर बनी रहती है.
3. लगाएं हल्दी का तिलक
नौतपा में हल्दी का तिलक लगाना बहुत लाभदायक माना जाता है. ऐसा करने से मानसिक शांति हासिल होती है और तनाव-स्ट्रैस दूर हो जाता है. साथ ही कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति पहले से मजबूत होती है. नौतपा में आप रोज नहाने के बाद हल्दी का तिलक लगा सकते हैं.
यह भी पढ़ें: Lucky Rashi June 2024: इन 5 राशियों के लिए लकी रहेगा जून, करियर में मिलेगी ग्रोथ, कमाएंगे छप्परफाड़ पैसा!
4. करें सूर्यदेव के इन मंत्रों का जाप
नौतपा में आप सूर्यदेव के इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं
- ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।
- ॐ सूर्याय नम: ।
- ॐ घृणि सूर्याय नम: ।
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)