दिवाली (Diwali) पर लोग मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए तरह-तरह के उपाय आजमाते हैं. दिवाली के दिन कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, वरना मां लक्ष्मी आप पर क्रोधित हो सकती हैं.
दिवाली के दिन नाखून काटना और दाढ़ी बनाना अशुभ माना गया है. ऐसा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद आपको प्राप्त नहीं होता है.
दिवाली के पवित्र त्योहार पर मांस, शराब, धूम्रपान और नशीली वस्तुओं से दूर रहना चाहिए. इस दिन साधारण भोजन करें.
मां लक्ष्मी की आरती घर के सभी सदस्यों को शांति और प्रेम से करनी चाहिए. अगर आपके परिवार के सदस्य मन में द्वेष रखेंगे तो मां लक्ष्मी की कृपा रुक जाती है.
दिवाली के दिन लाल रंग का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है. काले और सफेद रंग से दूरी बनाएं तो बेहतर रहेगा.
गणेश भगवान की पूजा कक्ष में ऐसी मूर्ति न रखें, जिसमें वे बैठे हुए हों और उनकी सूंड दायीं तरफ न हो. मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें कि उनकी सूंड से इंग्लिश का L अल्फाबेट बन रहा हो.
दिवाली के दिन घर के सभी सदस्यों को पूजा के दौरान उत्तर की ओर मुंह करके बैठना चाहिए. साथ ही 11, 21 या 51 से कम दीये कभी न जलाएं.
दिवाली के दिन पूरी रात एक दीये को जलाए रखें. साथ ही मोमबत्ती की जगह भी दीये ही जलाएं. दिवाली पर दीये जलाना शुभ माना जाता है.
दिवाली की पूजा से पहले घर को अच्छी तरह से साफ कर लें. ऐसी मान्यता है कि गंदगी वाली जगह पर मां लक्ष्मी वास नहीं करती हैं.
दिवाली के लक्ष्मी पूजन में भगवान विष्णु की आरती जरूर करें. भगवान विष्णु की आरती के बिना लक्ष्मी पूजन अधूरा माना जाता है.
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन करते समय तेज आवाज में आरती न गाएं और तालियां तो भूलकर भी न बजाएं. शास्त्रों के अनुसार, मां लक्ष्मी को शोर से घृणा होती है.
दिवाली की पूजा के वक्त भगवान की मूर्तियों को क्रम से रखें. बाएं से दाएं भगवान गणेश, लक्ष्मी जी, भगवान विष्णु, मां सरस्वती और मां काली की मूर्तियां रखें. इसके बाद लक्ष्मण जी, श्रीराम और मां सीता की मूर्ति रखें.
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