भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश किसे दिया था. जाहिर है, सभी कहेंगे कि अर्जुन को, लेकिन ऐसा नहीं है, बहुत कम लोग जानते हैं कि भगवान कृष्ण ने गीता का सबसे पहला उपदेश सूर्यदेव को दिया था. हालांकि, जब उनको गीता का उपदेश दिया गया, तब उन्होंने धरती पर राजा के रूप में जन्म लिया था.
भगवदगीता को लेकर ये मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने इसका ज्ञान सबसे पहले अर्जुन को दिया था, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अर्जुन से पहले गीता के उपदेश सूर्यदेव को मिला था. दरअसल जब, उनको गीता का उपदेश प्राप्त हुआ था, जब उन्होंने धरती पर राजा के रूप में जन्म लिया था.
भगवान श्रीकृष्ण जब अर्जुन को गीता का उपदेश दे रहे थे, तब उन्होंने ये भी बोला था कि ये उपदेश पहले वे सूर्यदेव को दे चुके हैं, तब अर्जुन आश्चर्यचकित हो गए थे. उन्होंने कहा कि सूर्यदेव तो प्राचीन देवता हैं, वह कैसे उपदेश सुन सकते हैं. तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि तुम्हारे और मेरे पहले बहुत से जन्म हो चुके हैं. तुम उन जन्मों के बारे में नहीं जानते, लेकिन मैं जानता हूं.
महाभारत के युद्ध से पहले जब भगवान श्रीकृष्ण कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दे रहे थे, उस समय संजय सारा नजारा अपनी दिव्य दृष्टि से देख रहे थे और उन्होंने गीता का उपदेश धृतराष्ट्र को सुनाया था.
जब महर्षि वेदव्यास के मन में महाभारत की रचना करने का विचार आया, तब ब्रह्मा ने उनसे कहा कि इस काम के लिए श्रीगणेश का आह्वान कीजिए. महर्षि वेदव्यास बोलते जाते थे और श्रीगणेश लिखते जाते थे. इसी समय महर्षि वेदव्यास ने श्रीगणेश को गीता का उपदेश दिया था.
भगवान कृष्ण ने महज 45 मिनट में अर्जुन को गीता का सम्पूर्ण ज्ञान दिया था. जिस दिन गीता के उपदेश दिए गए, उस मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और रविवार का दिन था.
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