Remedies of Shani Dev: शनि देव का नाम सुनते ही मन में भय छा जाता है. ढैया और साढ़ेसाती में इंसान को कष्ट झेलने पड़ते हैं. जिनकी कुंडली में शनि की स्थिति शुभ ना हो, उनको तो और परेशानी झेलनी होती है. ग्रहों के संसार में शनिदेव को न्यायाधीश का दर्जा हासिल है. इंसान के कर्म के अनुसार ही शनि देव फल देते हैं. लेकिन जिस व्यक्ति पर शनि देव की कृपा होती है, उसे वह रंक से राजा भी बना देते हैं. यूं तो शनिदेव की पूजा के कई उपाय बताए गए हैं. लेकिन तीन ऐसे देवता हैं, जिनके भक्तों को शनिदेव कभी परेशान नहीं करते. भले ही ढैया और साढ़ेसाती चल रही हो, तब भी उनको कष्ट नहीं पहुंचाते. अब आपको बताते हैं कि किन देवताओं के भक्तों पर शनि देव रखते हैं कृपा.
पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक, शनि देव कर्मफल दाता हैं. वह इंसान के अच्छे-बुरे का हिसाब-किताब रखते हैं और उसी के मुताबिक व्यक्ति को फल मिलता है. अगले साल 17 जनवरी को शनि महाराज कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तो मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी.
कुंभ राशि में शनिदेव के जाने के बाद कर्क और वृश्चिक राशि पर ढैया शुरू हो जाएगी और मिथुन व तुला राशि वाले ढैया के प्रकोप से मुक्त हो जाएंगे.
अगर आप भगवान श्रीकृष्ण के भक्त हैं तो शनिदेव आपको शुभ फल देंगे. वो इसलिए क्योंकि शनिदेव भी भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं और उन्होंने मथुरा के कोसीकलां के कोलिकावन में भगवान श्रीकृष्ण की तपस्या की थी. इसके बाद कोयल के रूप में भगवान ने उनको दर्शन दिए थे. इसलिए माना जाता है कि जो लोग श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं उनको शनिदेव अच्छे फल देते हैं.
भगवान शिव के भक्तों पर भी शनिदेव कृपा बनाए रखते हैं. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, एक बार शनिदेव के पिता सूर्य ने उनका और उनकी माता छाया का अपमान कर दिया था. इसके बाद शनि देव ने भगवान शिव की तपस्या कर उनको प्रसन्न कर लिया. भगवान शिव ने उन्हें ग्रहों का न्यायाधीश बना दिया. इसलिए भगवान शिव की पूजा करने वालों को शनि देव कभी दुख नहीं देते.
शनिवार और मंगलवार को शनि देव के अलावा हनुमान जी की पूजा की जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक बार शनि देव को अपनी ताकत का घमंड हो गया था. जिसे हनुमान जी ने पल में ही धूल में मिला दिया था. हनुमान जी को शनि देव ने वचन दिया था कि वे उनके भक्तों को कभी कष्ट नहीं पहुंचाएंगे.
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