वास्तु शास्त्र में दिशा का खास महत्व है. जिस प्रकार घर का किचन, बेडरूम, बाथरूम, पूजा-घर की दिशा वास्तु के मुताबिक होना शुभ है. उसी तरह से डाइनिंग हॉल या डाइनिंग टेबल भी सही दिशा में होना बहुत जरूरी है. भोजन से न केवल भूख मिटती है, बल्कि यह सुख और संतोष भी देता है. इसके लिए सही दिशा में बैठकर खाना भी आवश्यक माना गया है. वास्तु के मुताबिक जानते हैं कि घर का डाइनिंग हॉल कैसा होना चाहिए.
भोजन करते समय मुंह दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए. इसके अलावा ध्यान रखना चाहिए कि फैमिली के मुखिया का मुंह दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम में न रहे. वास्तु के मुताबिक दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम की ओर मुंह करके भोजन करने से वह पितरों को चला जाता है.
डाइनिंग टेबल पर कांच के किसी बर्तन में अलग-अलग तरह के अनाज भरकर रखना चाहिए. वास्तु के मुताबिक यह अन्न की देवी अन्नपूर्णा का सूचक है. इसके अलावा इसकी जगह पर फल की टोकरी, खाने के सामान या किसी प्रकार का शो-पीस भी रख सकते हैं.
डाइनिंग टेबल का आकार वर्ग या आयत जैसा होना शुभ माना गया है. गोल आकार का डाइनिंग टेबल नहीं होना चाहिए. वास्तु के अनुसार ये ठीक नहीं है. वैसे भी गोल टेबल परिवार के सभी लोग एक साथ बैठकर भोजन नहीं कर सकते.
डाइनिंग टेबल को घर या मकान के प्रवेश द्वार का ठीक सामने नहीं रखना चाहिए. खुली रसोई के सामने डाइनिंग टेबल रखना बेहद अशुभ माना गया है. यहां डाइनिंग टेबल के होने से परिवार के लोगों में आपसी मतभेद बना रहता है.
वास्तु के मुताबिक घर में डाइनिंग टेबल पश्चिम दिशा रखना शुभ है. पश्चिम दिशा डाइनिंग टेबल के लिए उचित जगह माना गया है. अगर इस दिशा में डाइनिंग टेबल लगाना संभव न हो इसे पूरब दिशा में भी लगा सकते हैं. जबकि डाइनिंग टेबल दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम नहीं लगाना चाहिए.
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