सुबह जल्दी उठने की आदत डालें और सूर्योदय के समय घर की सभी खिड़कियां और दरवाजे कुछ देर के लिए खोल दें. उगते सूर्य की किरणें सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं और घर में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस भी इससे नष्ट हो जाते हैं. लेकिन दोपहर में 11-12 बजे सूर्य की किरणें नुकसानदेह हो जाती हैं इसलि दोपहर के समय दक्षिण दिशा की खिड़कियां और दरवाजे बंद कर दें और दक्षिण दिशा में गहरे रंग का भारी पर्दा लगाएं.
वास्तु शास्त्र की मानें तो घर का मुख्य द्वार यानी मेन गेट कभी भी टूटा-फूटा या दरार वाला नहीं होना चाहिए वरना इसका घरे के मुखिया की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए घर के मुख्य द्वार को हमेशा साफ-सुथरा रखें और अच्छी हालत में रखें.
रात को सोते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपका सिर कभी भी उत्तर दिशा की ओर और पैर दक्षिण दिशा की तरफ न हो वरना सिर में दर्द और नींद न आने की समस्या हो सकती है. इसके अलावा रात में सोते समय आपका सिर उस तरफ भी नहीं होना चाहिए जिस तरह टॉयलेट है या वॉशिंग मशीन रखी हो. आप किस दिशा में सिर करके सोते हैं इसका भी आपकी मानसिक सेहत पर गहरा असर पड़ता है.
वास्तु शास्त्र की मानें तो घर को हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए. अगर घर गंदा हो, घर की दीवारों पर जाले लगे होंगे तो इस बात का घर में रहने वाले लोगों पर नकारात्मक असर पड़ेगा और उसकी शारीरिक और मानसिक सेहत खराब हो जाएगी. इसलिए सफाई करते वक्त घर की दीवारें और कोनों में भी सफाई का विशेष ध्यान रखें.
घर में अगर कहीं सीलन है तो समझ लीजिए कि घर वालों की सेहत खराब होने वाली है. वास्तु शास्त्र में दीवारों पर सीलन होना नकारात्मक स्थिति मानी जाती है. ऐसी जगह पर लंबे समय तक रहने से सांस और त्वचा संबंधी बीमारियां हो सकती हैं इसलिए घर में अगर कहीं सीलन हो तो उसकी तुरंत मरम्मत करवाएं.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
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