घर बनवाते या खरीदते वक्त वास्तु का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है. दरअसल बाथरूम में लोग साफ-सुथरा होने के लिए जाते हैं. ऐसे में बाथरूम नकारात्मक ऊर्जा का भंडार हो सकता है. वास्तु शास्त्र का जानकार मानते हैं कि बाथरूम की नकारात्मक ऊर्जा के कारण आर्थिक तंगी पैदा हो सकती है. ऐसे में जानते हैं बाथरूम से जुड़े खास वास्तु टिप्स.
वास्तु के मुताबिक बाथरूम के दरवाजे लकड़ी के होने चाहिए. बाथरूम में लोहे या स्टील के दरवाजे नकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं. माना जाता है कि इससे सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.
आमतौर बाथरूम में लोग शीशा लगवाते हैं. वास्तु शास्त्र के मुताबिक उत्तर या पूरब दिशा में शीशा लगना अच्छा है. साथ ही वॉशबेसिन लगाने के लिए भी यही दिशा उचित है.
बाथरूम घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में होना अच्छा है. कुछ लोग बाथरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनवा लेते हैं जो कि वास्तु के दृष्टिकोण से शुभ नहीं है.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक वॉशबेसिन और शॉवर पूर्व, उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए. इसके अलावा बाथरूम में पानी के निकास की दिशा और नाली एक ही होना चाहिए.
घर के अंदर नकारात्मक ऊर्जा को फैलने से रोकने के लिए हमेशा बाथरूम के दरवाजे बंद रखें. माना जाता है कि इन वास्तु टिप्स का पालन करने से घर में खुशियां बरकरार रहती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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