अष्टमी और नवमी पर देवी मां को चढ़ाएं यह प्रसाद, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं
शारदीय नवरात्रि (Navratri) में देवी मां के 9 विभिन्न रूपों की आराधना की जाती है. इस दौरान मां के हर रूप को अलग भोग लगाया जाता है. अष्टमी और नवमी को मां की पसंद का भोग लगाकर उनका आशीर्वाद ग्रहण करें.
नई दिल्ली: शारदीय नवरात्रि (Navratri) का त्योहार 17 अक्टूबर से शुरू हो गया था. नवरात्रि के दिनों को बहुत ही शुभ माना जाता है. भक्त इन दिनों देवी दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा करते हैं व उपवास भी रखते हैं. माना जाता है कि देवी दुर्गा के अलग-अलग अवतार हैं और हर अवतार अलग शक्ति का प्रतीक है. नवरात्रि में 9 दिनों तक मां के 9 विभिन्न रूपों की आराधना की जाती है, इसलिए उन्हें 9 दिनों तक अलग-अलग प्रकार के भोग भी लगाए जाते हैं. जानिए अष्टमी और नवमी पर मां को क्या भोग लगाना शुभ माना जाता है.
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मां के नौ रूप
नवरात्रि के नौ दिनों में मां के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. हर दिन के लिए अलग मंत्र, पूजन विधि और प्रसाद नियत किया गया है. नवरात्रि में मां के इन 9 रूपों की आराधना की जाती है- मां शैलपुत्री, मां ब्रह्म्चारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कन्दमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री.
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अष्टमी पर मां को लगाएं यह भोग
नवरात्रि का आठवां दिन मां महागौरी की आराधना के लिए नियत किया गया है. भारत के कुछ हिस्सों में अष्टमी 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी तो कुछ जगहों पर 24 अक्टूबर को. इस दिन मां को नारियल का भोग लगाया जाता है. मान्यता है कि महागौरी का पूजन करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं.
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नवमी पर इस भोग से करें मां को प्रसन्न
नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री के नाम है. इस दिन व्रत कर लोग नवरात्रि के पूजन का समापन करते हैं. मान्यता है कि इस दिन मां को तिल अर्पित करने से विशेष फल मिलता है. नवमी पर मां को घर की बनी हुई खीर और हलवा-पूड़ी का भोग लगाना चाहिए. मां सिद्धिदात्री का पूजन करने से मनुष्य के जीवन में सुख-शांति आती है.