Dussehra 2020: बहुत कम लोग जानते हैं रामकथा के खलनायक रावण के ये गुण
Advertisement
trendingNow1770805

Dussehra 2020: बहुत कम लोग जानते हैं रामकथा के खलनायक रावण के ये गुण

विजयादशमी के पावन पर्व पर रावण (Ravana) को जलाकर बुराई के प्रति अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाता है, हालांकि उसी रावण में कई ऐसे गुण भी थे जो उसकी बड़ी पहचान बने. हम सभी को रावण के वे गुण जरूर पता होने चाहिए.

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली: रामायण (Ramayana) की रामकथा में जिस पात्र रावण (Ravana) को हम एक खलनायक के रूप में जानते हैं, उसमें भी कई गुण विद्यमान थे. एक दुष्ट और अभिमानी राजा होने के साथ-साथ रावण महाज्ञानी और एक महान पंडित भी था. तमाम विद्याओं का जानकार रावण एक कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति और वास्तुकला में पारंगत था. उसे तमाम तरह की तंत्र विद्याएं आती थीं. वह इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन आदि का अच्छा जानकार था.

  1. प्रकांड पंडित रावण चारों वेदों का ज्ञाता और तंत्र-मंत्र का जानकार था
  2. दशानन रावण तपस्वी होने के साथ ही भगवान शंकर और ब्रह्मा जी का अनन्य भक्त था
  3. मायावी रावण के पास अनेकों अमोघ शक्तियां और ईश्वरीय वरदान थे

यह भी पढ़ें- Remedies for Jupiter: रूठे बृहस्पति को मनाने के आज जरूर करें ये अचूक उपाय

1. चारों वेदों का ज्ञाता दशानन रावण भगवान शंकर का अनन्य भक्त था. उसने भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए कठिन तपस्या की थी. अपनी कठिन तपस्या के बल पर रावण ने ब्रह्माजी और भगवान शिव से कई वरदान प्राप्त किए थे. उसके पास अनेकों अमोघ शक्तियां थीं.
2. रावण एक प्रकांड पंडित था. मान्यता है कि भगवान राम द्वारा रामेश्वरम में शिवलिंग स्थापित करते समय रावण ने न सिर्फ वहां पर जाकर पूजा कराई थी, बल्कि उस पूजा के लिए माता सीता को लंका से लेकर खुद पहुंचा था.

यह भी पढ़ें- शक्ति की उपासना में डूबी है भगवान गोविंद की नगरी, आज हो रही मां कात्यायनी की पूजा

3. तमिल रामायण के अनुसार, रावण ने कभी भी पराई स्त्री माता सीता का स्पर्श नहीं किया. अपहरण के समय रावण उस भूखंड को ही उखाड़ लाया था, जिस पर उस वक्त देवी सीता खड़ी थीं.
4. रावण एक महान कवि के साथ-साथ वीणा वादन में भी पारंगत था. रावण ने भगवान शिव की महिमा का बखान करने के लिए शिव तांडव स्त्रोत रचा था.

यह भी पढ़ें- कोरोना काल में ऐसे करें कन्या पूजन, कन्याओं को दें ये उपहार

5. रावण को तंत्र जगत, ज्योतिष के अलावा रसायन शास्त्र का भी ज्ञान था. रावण का यही ज्ञान मौजूदा समय में रावण संहिता में मिलता है. आज भी तमाम ज्योतिषविदों और तंत्र प्रेमियों के लिए यह बहुत उपयोगी ग्रंथ है.
6. सम्मोहन विद्या का जानकार होने के साथ-साथ रावण मायावी भी था. यही कारण था कि वह जब चाहे जिस वेश को धारण कर सकता था.
7. रावण के तमाम गुणों के बारे में भगवान राम स्वयं जानते थे. यही कारण है कि जब रावण मृत्यु शैय्या पर था, तब भगवान राम ने अपने अनुज लक्ष्मण को उससे सीख लेने को कहा था.

धर्म से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Trending news