Premanand Maharaj Ji: वृंदावन के मशहूर कथावाचक प्रेमानंद महाराज जी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं. महाराज जी अपने विचारों से लोगों का मार्गदर्शन करते हैं. सोशल मीडिया पर अक्सर प्रेमानंद जी के सत्संग की वीडियो वायरल होती रहती है जो लोगों को काफी पसंद भी आती हैं. वृंदावन में इनके प्रवचन सुनने के लिए तमाम बड़ी हस्तियां आती हैं. यहां तक की विराट कोहली और अनुष्का शर्मा भी इनके प्रवचन में शामिल होने के लिए पहुंच चुके हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 


असफलता के डर से कैसे निकले?
प्रेमानंद महाराज जी अपने विचारों से लोगों को अध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. इसी के चलते एक सत्संग में प्रेमानंद महाराज से भक्त ने पूछा कि असफलता और हार से बहुत डर लगता है, इससे कैसे बाहर निकला जाए. आइए जानते हैं इस पर प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा.


 


यह भी पढ़ें: Gajkesari Rajyog: चैत्र नवरात्रि में बनेगा गजकेसरी राजयोग, इन 3 राशियों का चमकेगा भाग्य का सितारा, दूर हो जाएगी पैसों की दिक्कत


 


 


अध्यात्म का बल जरूरी
भक्त का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि जब तक व्यक्ति को अध्यात्म का बल नहीं होता तब तक कुछ भी हो जाए भय, चिंता, शोक, घबराहट से बचा नहीं जा सकता है. व्यक्ति चाहे जिस पद पर हो, जितने धनी हो, कितने ही पढ़े लिखे हो, ये दंड भोगना ही पड़ेगा. महाराज जी कहते हैं कि जब तक आप भगवान से चित्त को नहीं जोड़ोगे तब तक डर से नहीं बचा जाएगा.



भगवान पर भरोसा है जरूरी
भगवान से चित्त जोड़त ही निर्भय, निशोक, निश्चिंत, विपरीत भावना का त्याग और आनंद की अनुभूति हो जाती है. अगर भगवान का भरोसा जागृत हो जाए तो जैसे मन कहता है कि कहीं ऐसे हो गया तो श्री हरि है या, कही ऐसा हो गया तो प्रभु है ना, बिलकुल निर्भयता, निश्चिंतता आ जाती है. 


 


नाम जप से दूर होंगे नकारात्मक विचार
महाराज जी कहते हैं कि लोगों को प्रभु का भरोसा तो है नहीं, अपनी बुद्धि की क्षमता बहुत एक लीमिट में है. जब किसी बात को सोचते हैं तो नेगेटिव नकारात्मकता ले आते हैं, अगर ऐसा हो गया तो, पता नहीं होगा कि नहीं होगा; हमारे अंदर भय, शोक, चिंता जागृत हो जाता है. इन सबसे बचने के लिए चीख-चीख कर राधा-राधा नाम जप करना चाहिए. नाम जप नकारात्मक सोच को रौंद देगा. सकारात्मक सोच में सुख है, सब कुछ है, सोच तुम्हारी गलत है तो दुखी हो जाओगे, क्योंकि आधार नहीं है. असफलता और हार के डर से निकलने के लिए नाम जप जरूरी है.


 


यह भी पढ़ें: 


 



 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)