Shani Upay: फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि आज यानी 4 मार्च के दिन मनाई जा रही है. हिंदू धर्म में त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. कहते हैं कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा-उपासना करने और कुछ उपाय करने से भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन भगवान शिव के साथ शनि देव की पूजा का भी विशेष महत्व बताया जाता है.


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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपायों का वर्णन किया गया है. वैसे कहते हैं कि भगवान शिव के भक्तों पर शनि देव बुरी नजर नहीं डालते हैं. लेकिन फिर भी अगर आप शनि देव के अशुभ प्रभावों को झेल रहे हैं, और उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आज के दिन इन उपायों को करना बेहद लाभकारी माना जाता है.


राजा दशरथ कृत शनि स्त्रोत


नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च।


नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:।1


नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।


नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते। 2


नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।


नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते। 3


नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:।


नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने। 4


नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते।


सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च। 5


अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते।


नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते। 6


तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च।


नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:। 7


ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे।


तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्। 8


देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:।


त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:। 9


प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे।


एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:।10


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)