Durga Saptashati Path Benefits: पितरों की विदाई के अगले दिन यानी 15 अक्टूबर 2023 आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से शारदीय नवरात्र शुरू होंगे. नवरात्र में माता के नौ विभिन्न रूपों का पूजन किया जाता है. मां दुर्गा के रूप भले ही नौ या अधिक भी हों, लेकिन माता तो एकाकार ही हैं, वह अलग-अलग नहीं हैं. माता ने स्वयं ही कहा है, “एकै वाहं जगत्यत्र, द्वितीया का ममापरा !” अर्थात इस संसार में एक मै ही हूं, दूसरी और कोई नहीं! वह आगे कहती हैं कि सभी जड़ चेतन और चराचर जगत, दृश्य-अदृश्य रूपों में मैं ही हूं. यह सारा जगत मेरे द्वारा ही उत्पन्न है. 


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नवरात्र में मां के विभिन्न रूपों का पूजन करते हुए दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है. मान्यता है कि दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले भक्त के पुरुषार्थ में वृद्धि होती है, साथ ही उसे काम क्रोध जैसे विषयों पर विजय मिलती है.  


परेशानियां


संसार में हर व्यक्ति किसी न किसी परेशानी से ग्रस्त है. यदि किसी के पास सबकुछ है तो वह पारिवारिक कलह को लेकर परेशान है, नहीं तो संपत्ति विवाद के मुकदमे हार के भय को लेकर तनाव में है. कार्यों को पूरी मेहनत से करने के बाद भी सफलता नहीं मिल पा रही है. ऐसे सभी लोगों को दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए, जो उन्हें संकटों से मुक्ति दिलाने वाला है. 


यूं तो सप्तशती का पाठ नित्य ही करना चाहिए, किंतु जो लोग किन्हीं कारणों से अभी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें 15 अक्टूबर से शुरु हो रहे शारदीय नवरात्र से पाठ का प्रारंभ कर इसे रोज देवी मां की प्रतिमा के सामने करना चाहिए. मां दुर्गा का पूजन और सप्तशती का पाठ करना अथवा सुनना गृहस्थों के लिए वरदान की तरह है. जिस घर में दुर्गा सप्तशती का पाठ होता है या सुना जाता है, वह की ऊर्जा अलौकिक हो जाती है और नकारात्मकता समाप्त हो जाती है.