Kalyug Ke Hanuman: एक ऐसे बाबा जिनके बारे में कहा जाता है कि वह कलयुग के हनुमान थे और साल 1973 में 11 सितंबर को वह महासमाधि में लीन हो गए. यह दिन उनके भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है. महासमाधि का अर्थ है आत्मा का परम सत्य में विलीन होना. यह एक आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है, जिसमें साधक अपने भौतिक शरीर को त्याग कर दिव्य चेतना में लीन हो जाता है.


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नीम करोली बाबा की महासमाधि ने उनके भक्तों को एक नई दिशा और प्रेरणा दी. उनके भक्तों ने इसे दिव्य उपस्थिति को एक निशानी के रूप में देखा और इसे अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण अनुभव माना.


नीम करोली बाबा ने अपने जीवन में कई चमत्कार किए. उन्होंने लोगों को बीमारियों से मुक्ति दिलाई, उन्हें धन और संपत्ति प्रदान की और उन्हें भगवान की याद दिलाई. उनके चमत्कारों ने उन्हें कलयुग के हनुमान के रूप में स्थापित किया. उनके जीवन की कई ऐसी कहानियां हैं, जो उनके भक्तों और शिष्यों को आज भी प्रेरित करती हैं. भारतीय आध्यात्मिकता और भक्ति की परंपरा में वह एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. उस कलयुग के हनुमान का नाम है कन्हैया लाल जिन्हें नीम करोली बाबा के नाम से जाना जाता है.


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नीम करोली बाबा भारतीय समाज और धार्मिक परंपराओं के प्रति गहरी भक्ति और समर्पण के लिए प्रसिद्ध हुए. उनके आध्यात्मिक यात्रा ने उन्हें विशेष बना दिया. उनका जीवन एक रहस्यमय और प्रेरणादायक यात्रा की तरह था. उन्होंने अपने भक्तों को सरलता और भक्ति का ज्ञान दिया. उनका सबसे प्रसिद्ध वाक्य सब कुछ ठीक है, “प्यार ही भगवान है” और “सेवा ही पूजा है” था, जिसे आज भी उनके अनुयायी जीवन की कठिनाइयों को सहन करने के लिए एक प्रेरणा के रूप में करते हैं.


अपने जीवन में उन्होंने न केवल आध्यात्मिक शिक्षा दी, बल्कि उन्होंने भौतिक दुनिया में भी सेवा की. उन्होंने अपने आश्रम में गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और सहायता प्रदान की. नीम करोली बाबा का प्रभाव केवल भारत तक सीमित नहीं रहा. अमेरिका में भी उनकी लोकप्रियता है. स्टीव जॉब्स और लोरी मोरन जैसे प्रसिद्ध व्यक्तियों ने उनकी शिक्षाओं और आशीर्वाद को स्वीकार किया. जॉब्स ने कहा था कि बाबा के दर्शन ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया.


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नीम करोली बाबा के भक्तों का कहना है कि बाबा की उपस्थिति और आशीर्वाद ने उन्हें जीवन की कठिनाइयों को सहन करने की शक्ति दी. लोगों का मानना है कि बाबा ने उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की दिशा दिखाई और उनके जीवन को एक नई दिशा दी. उन्होंने कई आश्रम स्थापित किए और गरीबों की सहायता की. उनके आश्रमों में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य सामाजिक कार्य किए जाते हैं. यह उनके द्वारा किए गए कार्यों की निरंतरता और उनकी शिक्षाओं का प्रमाण है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)