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Radha Ashtmi Vrat Vidhi: ज्योतिष शास्त्र में हर तिथि का अपना अलग महत्व बताया गया है. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है, तो भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि राधा अष्टमी मनाई जाती है. राधा अष्टमी जन्माष्टमी के ठीक 15 दिन बाद मनाई जाती है. इस साल राधा अष्टमी 11 सितंबर के दिन मनाई जा रही है.
इस दिन राधा-रानी की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाएं जाते हैं. इतना ही नहीं, उनका श्रृंगार किया जाता है. राधा अष्टमी के दिन कुछ चीजों का करना बहुत ही शुभ माना गया है. जान लें किन चीजों को करने से मां का आशीर्वाद मिलता है.
राधा-कृष्ण की करें पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राधा अष्टमी पर सबसे पहले राधा कृष्ण की मूर्ति की पूजा करें. उन्हें नए वस्त्र पहनाएं और विभिन्न प्रकार के फूलों से उनका श्रृंगार करें. इस दौरान राधा रानी की तुलसी, मालती और गुलाब के फूलों से विशेष पूजा की जाती है.
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इस दिन रखें व्रत
इस दिन राधा रानी के लिए व्रत रखने का विशेष महत्व बताया गया है. इस दौरान फलाहार और सात्विक भोजन किया जाता है. कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने से भक्तों को मानसिक शांति और भक्ति में स्थिरता की प्राप्ति होती है.
करें मंत्र जाप और चालीसा पाठ
राधा अष्टमी के दिन साधक को राधा चालीसा, राधा स्तुति और मंत्रों का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से भक्ति और प्रेम की अनुभूति होती है और सुख-समृद्धि का वास होता है.
दीन-दुखियों ब्राह्मणों को करें दान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राधा अष्टमी के दिन गरीबों, जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को दान करना शुभ माना गया है. इन दिनों में भोजन, वस्त्र, धन का दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है और भक्तों पर राधा रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
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राधा अष्टमी पर क्या न करें
मन में गलत विचार से बचें
राधा अष्टमी के दिन मन और वचन को शुद्ध रखना चाहिए. इस दौरान मन में नकारात्मकता, गुस्सा और क्रोध से बचना चाहिए. इस दिन को प्रेम-भक्ति का प्रतीक माना गया है. मन को शांत रखें और दूसरों के प्रति प्रेमपूर्ण व्यवहार करें.
अशुद्ध वस्त्रों से न करें पूजा
पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान अशुद्ध वस्त्र धारण न करें. साफ और शुद्ध वस्त्र पहनें. बिना स्नान और गंदे वस्त्र पहनकर पूजा न करें. पूजा विधिपूर्वक और सच्चे मन से करें.
बुरे कर्म न करें
राधा रानी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए बुरे कार्य जैसे झूठ बोलना, छल-कपट करना या दूसरों का अपमान भूलकर भी न करें. इस दौरान लोगों से सद्भावना और प्रेम से काम लें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)