Navratri 2023: नवरात्रि में देवी भक्‍त रोज मंदिर में मां अंबे के दर्शन-पूजन करने जाते हैं. वहीं देश के प्रमुख देवी मंदिरों में तो श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है, फिर चाहे वह वैष्‍णो देवी मंदिर हो या मनसा देवी मंदिर. कई प्राचीन मंदिरों में भी भक्‍त दूर-दूर से पहुंचते हैं, जो अपने चमत्‍कारों और मनोकामना पूर्ति के लिए प्रसिद्ध हैं. ऐसा ही एक मंदिर मध्‍य प्रदेश की हिल स्‍टेशन पचमढ़ी में है. पचमढ़ी में 175 साल पुराना अंबा माई मंदिर है, जहां हर साल बड़ी तादाद में लोग अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं. 


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उल्‍टे शेर पर बैठी हैं मां बगुलामुखी 
 
हिल स्टेशन पचमढ़ी के इस प्राचीन अंबा माई मंदिर में चैत्र नवरात्रि में भक्‍तों की बड़ी भीड़ लगती है. यहां 9 दिन तक विशेष अनुष्‍ठान होते हैं. खासतौर पर संतान सुख पाने की मनोकामना लेकर दूर-दूर से लोग यहां आते हैं. इस मंदिर में देवी मां उल्टे शेर पर बैठी है और इस कारण खासतौर पर तांत्रिकों की आस्‍था बहुत ज्‍यादा है. इस मंदिर में बड़ी संख्‍या में तांत्रिक आकर पूजा पाठ करते हैं. 


बाघ आते हैं मां के दर्शन करने 


इससे भी बड़े चमत्‍कार की बात यह है कि पचमढ़ी के इस मंदिर में बाघ मातारानी के दर्शन करने आते हैं. हर साल नवरात्रि में कम से कम एक बार बाघ इस मंदिर में जरूर आते हैं और मातारानी के दर्शन करते हैं. नवरात्रि में आए मां के दर्शन करने आए बाघों को सैंकड़ों लोग देख चुके हैं. कमाल की बात है कि ये खतरनाक जंगली प्राणी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और देवी मां के दर्शन करके चले जाते हैं. 


संतान सुख का मिलता है वरदान 


अंबा माई मंदिर को लेकर मान्‍यता है कि यहां संतान पाने के लिए मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है. नि:संतान दंपत्ति यहां से कभी निराश होकर नहीं लौटते हैं. वहीं मुराद पूरी होने पर लोग यहां फिर से प्रसाद चढ़ाने और मातारानी का आशीर्वाद लेने आते हैं. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)