Vastu tips for money: घर की इन दो दिशाओं में बैठकर लें निर्णय, दूर होगी आर्थिक तंगी, सफलता चूमेगी कदम
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Vastu tips for money: घर की इन दो दिशाओं में बैठकर लें निर्णय, दूर होगी आर्थिक तंगी, सफलता चूमेगी कदम

House vastu: भारतीय वास्तु शास्त्र में आर्थिक समस्याओं का भी निदान है बस समझने की बात है. वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रत्येक भवन, मकान, फ्लैट में नैऋत्य कोण अर्थात दक्षिण पश्चिम की दिशा सकारात्मक ऊर्जा का स्थान माना जाता है. 

Vastu tips for money: घर की इन दो दिशाओं में बैठकर लें निर्णय, दूर होगी आर्थिक तंगी, सफलता चूमेगी कदम

Vastu tips for wealth: आज के समय को आर्थिक या भौतिकवादी युग कहा जाता है, आर्थिक संपन्नता भौतिक सुखों की कामना अधिकांश समाज करने लगा है. हर कोई अर्थ यानी धन के लिए भाग रहा है, कुछ हद तक यह सही भी है शिक्षा हो या चिकित्सा दोनों ही क्षेत्रों में बिना धन के कुछ नहीं होता. उच्च शिक्षा तो दूर प्राथमिक शिक्षा के स्कूलों में लंबी फीस जमा करनी पड़ती है और फिर यदि किसी तरह की बीमारी लग गयी तो कहने ही क्या, किसी को नहीं मालूम कि इलाज में कितना पैसा खर्च होगा. अकेले शिक्षा और चिकित्सा ही नहीं आवास आदि न जाने कितनी ही समस्याओं का निदान आर्थिक संसाधनों से आसानी से हो जाता है. सामाजिक क्षेत्र में भी लोगों का आकलन और मान सम्मान का आधार उनकी योग्यता, सच्चरित्रता, सेवा भावना से न करके केवल आर्थिक संपन्नता ही हो गया है. 

ऐसे में सवाल उठता है कि धन कैसे प्राप्त किया जाए ताकि जीवन की मूलभूत जरूरतें बिना किसी परेशानी के पूरी हो सके. भारतीय वास्तु शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जो प्रत्येक व्यक्ति को तन मन और धन से सुखी रखने का प्रयास करता है. वास्तु शास्त्र में आर्थिक समस्याओं का भी निदान है बस समझने की बात है. वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रत्येक भवन, मकान, फ्लैट में नैऋत्य कोण अर्थात दक्षिण पश्चिम की दिशा सकारात्मक ऊर्जा का स्थान माना जाता है. ध्यान रखिए कि घर परिवार, या व्यावसायिक निर्णय इसी दिशा में बैठकर लिए जाएं. जब भी आप इस दिशा में बैठकर आर्थिक मामलों में चर्चा करने के बाद कोई निर्णय लेंगे तो तय समझिए की आप उस मामले में सफल होंगे और निश्चित रूप से आपको आर्थिक लाभ की प्राप्ति होगी. इसके अतिरिक्त घर में ईशान कोण अर्थात उत्तरपूर्व की दिशा को बहुत ही पवित्र और ईश्वर का वास माना जाता है. यहां पर लिए जाने वाले निर्णयों में सफलता का फीसदी स्वतः ही अधिक हो जाता है. यह व्यावसायिक दृष्टि से भी काफी सफल रहता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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