Color Vastu for Home: रंगों से दुनिया में रंगत आती है, यदि ये रंग आध्यात्मिक हों तो जीवन में सुख ही सुख है. दरअसल विभिन्न रंगों की हमारे जीवन में अलग-अलग भूमिका होती है. वास्तु में इसके नियम बताए गए हैं.
Trending Photos
Vastu Colors for Directions: ये रंग ही तो हैं जो किसी के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते है. जहां तक वास्तु शास्त्र का विषय है अलग-अलग दिशाओं में रंगों का आधिपत्य है और उसी के अनुसार उसका प्रभाव भी होता है. रंगों के सही उपयोग करके जीवन और भवन में होने वाले वास्तु जनित दोषों को खत्म किया जा सकता है. इस लेख में हम बताएंगे कि किस दिशा में किस रंग का अधिकार होता है और उसके अनुसार ही घर का रंग रोगन कराएंगे तो निश्चित रूप से आपको लाभ होगा और स्वाभाविक रूप से वहां के वास्तु दोष का निवारण भी होगा.
किस दिशा में कौन सा कलर?
भवन में पूर्वी दिशा अर्थात ईस्ट के हिस्से में सफेद रंग रखना लाभदायक होता है. इसी तरह भवन के पश्चिम दिशा का भाग नीले रंग का रखना उत्तम माना जाता है क्योंकि इन दिशाओं पर इन्हीं रंगों का आधिपत्य है. उत्तर दिशा के भाग को हरे रंग से रंगना शुभ रहता है और दक्षिण दिशा के भाग में लाल या गुलाबी शेड कराना अच्छा रहता है. इन चार दिशाओं में रंगों का संयोजन इस तरह से करना आपके लिए शुभ फल देने वाला ही रहेगा.
हर दिशा के लिए अलग रंग
अब इन चारों दिशाओं के बीच की दिशा के रंगों की बात करते हैं. दक्षिण पूर्व को आग्नेय कोण भी कहा जाता है. इस दिशा के भाग को बादामी या गुलाबी रंग से रंगना चाहिए. नैऋत्य अर्थात दक्षिण पश्चिम दिशा के भाग के लिए हरा व ग्रे रंग सुझाया गया है. ईशान कोण की दिशा को उत्तर पूर्व कहते हैं इस भाग में पीला रंग या हल्का नारंगी करवाना चाहिए. वायव्य कोण उत्तर पश्चिम दिशा कहलाती है जहां के लिए सफेद व आसमानी रंग वास्तु सम्मत होता है. रसोई घर के लिए गुलाबी व हल्का नारंगी होता है. बच्चों के कमरे में गुलाबी अथवा क्रीम कलर सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)