Gupt Navratri Significance: गुप्त नवरात्रि न केवल एक धार्मिक पर्व है बल्कि यह आध्यात्मिक और तांत्रिक शक्तियों को जागृत करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है.
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Gupt Navratri Significance: गुप्त नवरात्रि न केवल एक धार्मिक पर्व है बल्कि यह आध्यात्मिक और तांत्रिक शक्तियों को जागृत करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है. इस दौरान नैना देवी शक्तिपीठ में भक्तों का भारी जनसैलाब उमड़ रहा है. जहां वे माता की आराधना कर अपनी सुख-समृद्धि, शांति और सिद्धियों की प्राप्ति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. आइये आपको गुप्त नवरात्रि के बारे में विस्तार से बताते हैं...
नैना देवी शक्तिपीठ में गुप्त नवरात्रि पर भक्तों की भीड़
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध नैना देवी शक्तिपीठ में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत धूमधाम से हो गई है. गुरुवार से शुरू हुए इस विशेष पर्व पर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित कई राज्यों से श्रद्धालु माता के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे. भक्त यहां माता के दर्शन कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं. इस दौरान मंदिर के प्राचीन हवन कुंड में आहुतियां अर्पित की जा रही हैं, जिससे वातावरण में भक्ति और श्रद्धा का संचार हो रहा है.
क्या है गुप्त नवरात्रि का महत्व?
गुप्त नवरात्रि का महत्व साधना और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर भी होता है. इस नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से तंत्र साधना और गुप्त अनुष्ठान किए जाते हैं, जिन्हें बहुत ही गोपनीय रखा जाता है. कहा जाता है कि इन दिनों मां दुर्गा 10 महाविद्याओं के रूप में प्रकट हुई थीं, जिनकी साधना करने से अद्भुत शक्ति की प्राप्ति होती है.
मंदिर के पुजारी ने बताया गुप्त नवरात्रि का महत्व
मंदिर के पुजारी दीपक भूषण ने बताया कि गुप्त नवरात्रि की पूजा विशेष रूप से उन्हीं लोगों के लिए होती है, जो कठिन साधना और सिद्धि की खोज में रहते हैं. उन्होंने कहा, "इन नौ दिनों में पूजा-पाठ और विशेष अनुष्ठानों की प्रक्रिया चल रही है. 7 फरवरी को माघ नवमी के दिन इस विशेष अनुष्ठान की पूर्ण आहुति दी जाएगी." इस दौरान मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखने को मिल रही है, जो अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मां के चरणों में शीश झुका रहे हैं.
श्रद्धालुओं ने जताई आस्था और भक्ति
अंबाला से आए श्रद्धालु जोशी अपने परिवार के साथ नैना देवी पहुंचे और माता का आशीर्वाद लिया. उन्होंने कहा, "गुप्त नवरात्रि में यहां आकर पूजा करने से बहुत शांति मिलती है. माता की कृपा से हमारी हर मनोकामना पूरी होती है. यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा हमें सकारात्मक शक्ति देती है." भक्तों का मानना है कि गुप्त नवरात्रि में की गई साधना और प्रार्थना का प्रभाव कई गुना अधिक होता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है.
10 महाविद्याओं की पूजा का महत्व
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है...
मां काली - तामसिक शक्तियों का नाश करने वाली
तारा देवी - ज्ञान और मोक्ष की देवी
त्रिपुर सुंदरी - सौंदर्य और शक्ति की अधिष्ठात्री
भुवनेश्वरी - सृष्टि की रचनाकार
छिन्नमस्ता - बलिदान और आत्मशक्ति का प्रतीक
त्रिपुर भैरवी - तपस्या और सिद्धियों की देवी
मां धूमावती - रहस्यमयी और विध्वंस की शक्ति
बगलामुखी - शत्रु नाश करने वाली देवी
मातंगी - कला, संगीत और विद्या की देवी
कमला देवी - धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी
गुप्त नवरात्रि और प्रत्यक्ष नवरात्रि में अंतर
नवरात्रि वर्ष में चार बार आती है. दो नवरात्रि (चैत्र और शारदीय) प्रत्यक्ष रूप से मनाई जाती हैं, जिनमें मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना होती है. जबकि गुप्त नवरात्रि (माघ और आषाढ़) विशेष रूप से गुप्त साधना और तांत्रिक अनुष्ठानों के लिए होती है. इस दौरान तांत्रिक, योगी और साधक मां के 10 महाविद्याओं की पूजा कर सिद्धियों की प्राप्ति का प्रयास करते हैं.
कब तक चलेगी गुप्त नवरात्रि?
इस बार माघ गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से शुरू हुई है और इसका समापन 7 फरवरी को होगा. इस दौरान भक्तों के लिए विशेष आरती, हवन और पूजा अनुष्ठान किए जा रहे हैं. मंदिर प्रशासन के अनुसार, इन दिनों नैना देवी में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है और माता के दर्शन के लिए लंबी कतारें लगी हुई हैं.
गुप्त नवरात्रि में साधना क्यों महत्वपूर्ण?
गुप्त नवरात्रि में की गई साधना को बेहद प्रभावशाली माना जाता है. इस दौरान भक्तों को नियमित व्रत, मंत्र जाप और हवन करने की सलाह दी जाती है. माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में की गई भक्ति और साधना से न केवल मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है.