Dev Uthani Ekadashi 2024: इस साल 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी है और इसके साथ ही सनातन धर्म में शादियों का मुहूर्त भी शुरू हो जाएगा. लेकिन मजे की बात ये है कि इस अकेले करीब 40 हजार से ज्यादा शादियां होने जा रही हैं. आखिर ऐसा क्यों.
Trending Photos
Shadi Shubh Muhurta November December 2024: सनातन धर्म में शादियां शुभ मुहूर्त देखकर संपन्न की जाती हैं. कहते हैं कि अगर अशुभ मुहूर्त में किसी का विवाह संपन्न हो जाए तो फिर उस रिश्ते में जिंदगीभर परेशानियां ही रहती हैं. यही वजह है कि शादी की तारीख तय करने से पहले ज्योतिषी से मिलकर शादी के शुभ मुहूर्त ढूंढे जाते हैं. हर साल देवउठनी एकादशी के साथ इन शुभ मुहूर्तों का सिलसिला शुरू हो जाता है. इस बार देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को है. इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने के लंबे शयन के बाद निद्रा से जागेंगे.
पंडाल से लेकर बैंड-बाजा वाले तक सभी बुक
ज्योतिषियों के मुताबिक, इस साल देवउठनी एकादशी पर सबसे ज्यादा शादियां होने जा रही हैं. इसके चलते बैंक्वेट हॉल, कम्युनिटी सेंटर, मैरिज हॉल, पार्क, बैंड बाजे और कैटरर्स से लेकर तमाम लोग बुक हो चुके हैं. ऐसे में 12 नवंबर को लोगों को शाम के वक्त सड़कों पर जाम की स्थिति भी देखने को मिल सकती है. एक अनुमान के मुताबिक इस दिन करीब 30 हजार से 40 हजार तक शादियां हो सकती हैं.
12 नवंबर की तारीख के पीछे लोगों के जुटने की वजहें
ज्योतिष शास्त्रियों का कहना है कि 12 नवंबर को देवउठनी ग्यारस है. कहते हैं कि जिन लोगों को विवाह का शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा होता है, वे देवउठनी ग्यारस पर शादी कर सकते हैं. यह दिन शादी के लिए बहुत शुभ माना जाता है और इस तिथि पर विवाह के लिए किसी मुहूर्त या पूजा की जरूरत नहीं होती है. यही वजह है कि इस तारीख पर सबसे ज्यादा शादियां होती हैं.
क्या मांगलिक दोष वाले भी कर सकते हैं विवाह?
ऐसे लोग, जिनकी कुंडली में मांगलिक दोष होता है, क्या वे भी देवउठनी ग्यारस पर विवाह कर सकते हैं? ज्योतिषियों के मुताबिक, इसका जवाब हां है. हिंदू धर्म के विद्वानों के मुताबिक मांगलिक जोड़े अपने ग्रहों की स्थिति और कुंडली दोष के बावजूद इस शुभ तिथि पर विवाह कर सकते हैं. ऐसा करने से उन्हें किसी प्रकार का मांगलिक दोष भी नहीं लगता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)