चेन्नई के समुद्रतटों की ये तस्वीरें मन मोह रहीं, जानिए कब और कैसे यूं रोशनी से नहा उठती हैं लहरें
Chennai Bioluminescence Beach: चेन्नई का समुद्रतट नीली-हरी रोशनी से नहा उठा है. समुद्र से उठती लहरों की खूबसूरती लोगों का मन मोह रही है. आखिर ऐसा होता कैसे है, पीछे का साइंस समझिए.
Science News: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में लोगों को हाल ही में बेहद खूबसूरत नजारा देखने को मिला. बायोल्यूमिनसेंट लहरों ने इसके तट को रोशन कर दिया. लोकल्स से लेकर टूरिस्ट्स तक इस मनोरम दृश्य को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए. समुद्रतट के पास लहरों से उठती हल्के नीले रंग की रोशनी ने कौतूहल पैदा किया. लोग सोशल मीडिया पर फोटोज डालकर पूछने लगे कि ऐसा क्यों हो रहा है. दरअसल, बायोल्यूमिनसेंट लहरें एक दुर्लभ प्राकृतिक घटना है.
क्या है बायोल्यूमिनिसेंस?
बायोल्यूमिनिसेंस एक प्राकृतिक घटना है जो कुछ समुद्री जीवों की वजह से होती है. इसके लिए खासतौर पर डाइनोफ्लैजेलेट्स नामक माइक्रोस्कोपिक प्लैंकटन जिम्मेदार होते हैं. इन छोटे जीवों में अपने शरीर के भीतर बायोकेमिकल रिएक्शन के जरिए प्रकाश उत्सर्जित करने की क्षमता होती है, एकदम जुगनुओं की तरह. जब ये जीव पानी में लहरों में किसी हलचल से परेशान होते हैं, तो प्रकाश छोड़ते हैं. नतीजा पानी में नीले-हरे रंग की चमक पैदा होती है जिससे लहरें झिलमिलाती और चमकती हुई मालूम देती हैं.
समुद्री जीव बायोल्यूमिनिसेंस का इस्तेमाल कभी अपनी रक्षा के लिए करते हैं तो कभी शिकार को आकर्षित करने के लिए. कुछ जैविक प्रजातियां आपस में बातचीत के लिए भी बायोल्यूमिनिसेंस का सहारा लेती हैं.
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बायोल्यूमिनिसेंस की अधिकांश घटनाएं नुकसानदायक नहीं होतीं लेकिन बड़े पैमाने पर ऐसा होने से पानी में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है. पर्यावरणविद ऐसी घटनाओं को तटीय पानी में बढ़ते प्रदूषण से जुड़ा मानते हैं.