Gorilla Chest Beating: ये है घने जंगलों में गोरिल्ला की बातचीत का कोड, जानिए सीना पीटने के पीछे की असली वजह
Gorilla Chest Beating: एक वैज्ञानिक रिसर्च में बताया गया है कि जितना बड़ा नर गोरिल्ला होता है, वह उतनी तेजी और शक्ति से अपना सीना पीटता है. इससे वह दूसरों को बताता है कि वह कितना शक्तिशाली है. देखें क्या कहता है शोध.
नई दिल्ली: जानवरों की भी अपनी भाषा होती है. वे भी आपस में बातें करते हैं. ऐसा ही होता है गोरिल्ला (Gorillas) के साथ. गोरिल्ला अपना सीना पीटते हैं, यह सभी ने देखा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि असल में वो सांकेतिक भाषा में ये बताता है कि वो कितना शक्तिशाली है.
फीमेल गोरिल्ला को आकर्षित
हाल ही में हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि जितना बड़ा नर गोरिल्ला होता है, वह उतनी तेजी और शक्ति से अपना सीना पीटता है. इससे वह दूसरों को बताता है कि वह कितना शक्तिशाली है. इतना ही नहीं इस तरह से वो फीमेल गोरिल्ला को आकर्षित भी करता है. घने जंगल में जानवरों के बीच कम्युनिकेशन का यह एक अहम जरिया है.
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फीमेल गोरिल्ला को करते हैं आकर्षित
आपने देखा होगा कि नर गोरिल्ला इतना तेज सीना पीटते हैं कि इसकी आवाज एक किलोमीटर दूर तक सुनी जा सकती है. जर्मनी के लाइपजिग में मैक्स प्लैंक इंस्टिट्यूट फॉर एवलूशनरी ऐंथ्रोपोलॉजी (Max Planck Institute for Evolutionary Anthropology in Leipzig, Germany) के एडवर्ड राइट (Edward Wright) ने कहा कि इस तरह से सीना पीट कर ये गोरिल्ला अपना शक्ति प्रदर्शन करते हैं और अन्य गोरिल्ला को ये बताते हैं कि वे ही सबसे सक्षम हैं. और वो मादाओं को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं.
एक नर गोरिल्ला के साथ कई मादाएं गोरिल्ला
गौरतलब है कि एक गोरिल्ला की सोसायटी में एक समूह में एक नर गोरिल्ला के साथ कई मादाएं गोरिल्ला होती हैं. प्रजनन के लिए मादाएं एक समूह से दूसरे में जाती हैं और उन्हें आकर्षित करने के लिए अन्य गोरिल्ला आपस में एक-दूसरे से प्रतियोगिता करते हैं. इनके बीच ऐसी मान्यता है कि जिसका शरीर ज्यादा बलवान होता है वो ज्यादा क्षमता वाले होते हैं. इसलिए ये गोरिल्ला बचपन से ही सीना पीटने लगते हैं.
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वॉइस बॉक्स में Air Sacks
साइंटिफिक रिपोर्ट्स में छपी रिसर्च के अनुसार, बड़े गोरिल्ला भारी आवाजें निकालते हैं और इनकी फ्रीक्वेंसी कम होती है. ये आवाज उनके वॉइस बॉक्स में Air Sacks के आकार पर निर्भर करती है. अलग- अलग गोरिल्ला अलग-अलग समय के लिए अलग आवाज निकालते हैं. यानी इसके आधार पर उनकी पहचान भी की जा सकती है.
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