इस जीव का नाम है टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी (Turritopsis Dohrnii). ये जीव जेलीफिश की एक प्रजाति है, इसे अमर जेलीफिश (Immortal Jellyfish) भी कहते हैं. ये बेहद छोटे आकार का होता है. ये जब पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं तब इनके शरीर का डाइमीटर 4.5 मिलीमीटर होता है. इनकी लंबाई और चौड़ाई लगभग एक समान होती है. बराबर ही होती है.
टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी (Turritopsis Dohrnii) युवावस्था में होता है तो उसके 8 टेंटिकल्स यानी सूंड होते हैं. जबकि सेक्सुअली मेच्योर हो चुकी जेलीफिश के 80 से 90 टेंटिकल्स हो सकते हैं. ये जीव पर समुद्र की तलहटी में रहता है. इस जेलीफिश की अन्य प्रजातियां दुनिया भर के विभिन्न सागरों में मिलती हैं.
टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी (Turritopsis Dohrnii) का जन्म प्रशांत महासागर में हुआ था. लेकिन अब ये लगभग सभी सागरों में मिलती हैं. इस प्रजाति के दुनियाभर में फैलने का किसी को अब तक पता नहीं चला, क्योंकि ये आकार में बहुत छोटे और ट्रांसपैरेंट होते हैं. स्मिथसोनियन ट्रॉपिकल मरीन इंस्टीट्यूट की साइंटिस्ट डॉ. मारिया मिगिलेटा (Smithian Tropical Marine Institute Scientist Dr. Maria Migilletta) ने बताया कि इसने धीरे- धीरे पूरी दुनिया में अपना साम्राज्य फैला लिया है.
टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी (Turritopsis Dohrnii) समुद्र में खुद को वापस नए रूप में बदल लेता है इसलिए इसकी कोई उम्र नहीं होती लेकिन छोटी सी लाइफ साइकिल होती है. अगर समुद्र का तापमान 20 से 22 डिग्री है तो ये 25 से 30 दिनों में वयस्क होकर वापस बच्चा बन जाते हैं. वहीं अगर समुद्र का तापमान 14 से 25 डिग्री है तो ये 18 से 22 दिन में ही सेक्सुअली मेच्योर होकर वापस बच्चा बन जाते हैं.
ज्यादातर जेलीफिश की उम्र कुछ घंटों की रहती हैं और कुछ की महीनों तक. हर प्रजाति की जेलीफिश की उम्र तय होती है. लेकिन टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी (Turritopsis Dohrnii) इकलौती ऐसी प्रजाति है, जिसे अमरता प्राप्त है. ये वयस्क (Medusae) होने के बाद वापस बच्चा (Polyp) स्टेट में चली जाती है. इसके लिए इसके शरीर में खास तरह की कोशिकाएं होती हैं. टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी (Turritopsis Dohrnii) जेलीफिश जब वयस्क होती है यानी 12 टेंटिकल्स के साथ होती है, तब खुद को बदलने के लिए सिस्ट जैसे स्टेज में चली जाती है. यहां से वह स्टोलोंस और उसके बाद पॉलिप बन जाती है.
गौरतलब है कि 20 से 40 फीसदी वयस्क (Medusae) सीधे पॉलिप बनते हैं, उन्हें बीच में स्टोलोंस बनने की जरूरत नहीं पड़ती. आपको जानकार हैरानी होगी कि ये पूरी प्रक्रिया दो दिन में हो जाती है. पॉलिप वापस विकसित होते हैं. इनके अतिरिक्त स्टोलोंस, ब्रांचेस, ऑर्गन्स, टेंटिकल्स निकलते हैं. ये फिर से कॉलोनी बनाते हैं. और सबसे बड़ी बात इस दौरान ने इनके बिहेवियर में कोई बदलाव नहीं आता है न ही उन्हें किसी प्रकार की चोट लगती है.
टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी (Turritopsis Dohrnii) मांसाहारी होता है. ये जूप्लैंकटॉन्स (Zooplankton) खाता है. इसके अलावा मछली के अंडे और छोटे मोलस्क इसका पसंदीदा आहार होते हैं. एक और खास बात है इस जेलीफिश की. ये अजीबोगरीब जीव खाना और मल दोनों मुंह से ही करता है. ये अपनी टेंटिकल्स यानी सूंड से शिकार करता है. खाने को पकड़ता है. तैरने के लिए भी इन्हीं टेंटिकल्स का उपयोग करता है. इन जीवों को ज्यादातर बाकी जेलीफिश खाती हैं. इसके अलावा इन्हें ट्यूना मछली, कछुए, स्वॉर्डफिश, पेंग्विंस आदि खाते हैं.
There is a species of jellyfish that is immortal. The species is called Turritopsis dohrnii.
— EARTHDAY.ORG (@EarthDayNetwork) March 15, 2021
The species can revert back to its child state after having become sexually mature...
...therefore never dying. pic.twitter.com/YaxS9dk8Et
ये जेलीफिश बेहद सामान्य जैविक संरचना के बने होते हैं इसलिए कई बार इन्हें जीव खा जाते हैं. इनके शरीर में 5 फीसदी शरीर और बाकी पानी होता है. टूरिटॉपसिस डॉर्ह्नी (Turritopsis Dohrnii) जेलीफिश को कैप्टिविटी में रखना मुश्किल है. यानी इसे समुद्र से बाहर अलग तरह के पानी में रखना कठिन है. बड़ी मुश्किल से जापान के क्योटो यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट शिन कुबोता ने इन्हें कुछ समय के लिए समुद्र से बाहर जीवित रखा. कुबोता ने बताया कि उन्होंने दो साल तक इन जीवों को पाला, जिस दौरान इन जीवों ने 11 बार खुद को बच्चा बनाया.
ट्रेन्डिंग फोटोज़