नई दिल्ली : अधिकांश गैजेट्स स्लीप ट्रैकिंग सुविधाएं मुहैया करवा रहे हैं जो रात के दौरान स्वास्थ्य मानकों को ट्रैक करते हैं और गतिविधियों और नींद की गुणवत्ता के बीच संबंध स्थापित करने के लिए एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं. लेकिन इन सबसे अलग एक बेहद चौंकाने वाली रिसर्च आई है जो लोगों खासतौर पर पुरुषों नींद में खलल डालने की ओर इशारा करती है और नींद में खलल कोई गैजेट नहीं बल्कि चांद के कारण हो रहा है. जानें कैसे.


किसने की रिसर्च


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स्वीडन में उप्साला यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट में नींद पर चंद्र चक्र के प्रभावों का विवरण देते हुए एक नई रिसर्च प्रकाशित की. जैसा कि साइंस अलर्ट बताता है, यह एक बड़े पैमाने रिसर्च है, जिसमें 852 विषय शामिल हैं जिन्हें लेखकों ने कई सालों तक जांचा है.


कैसे की गई रिसर्च


शोधकर्ताओं ने एक रात के लिए नींद की शुरुआत, अवधि और नींद की गुणवत्ता को मापने के लिए पॉलीसोम्नोग्राफी (पीएसजी) माप का चयन किया. पीएसजी नींद के दौरान विभिन्न मापदंडों पर नज़र रखता है, जिसमें मस्तिष्क की गतिविधि, आंखों की गति, मांसपेशियों की गतिविधि और हृदय की लय शामिल हैं.
 
इस दौरान शोधकर्ताओं ने चंद्र चक्र के चरणों को भी ध्यान में रखा. जैसे वैक्सिंग स्टेज चंद्रमा की अधिक रोशनी का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि यह पूर्णिमा तक पहुंचता है. वहीं इसके विपरीत घटता हुआ चंद्रमा पूर्णिमा के बाद आने वाली रोशनी में कमी का प्रतिनिधित्व करता है.


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रिसर्च में नतीजे


रिसर्च में पाया गया कि चंद्रमा महिलाओं की तुलना में पुरुषों में नींद की गुणवत्ता को अधिक प्रभावित करता है. उप्साला के शोधकर्ताओं ने कई सालों की रिसर्च में पुरुषों और महिलाओं से पीएसजी रिकॉर्डिंग ली. उन्होंने पाया कि चंद्र चक्रों का नींद की गुणवत्ता पर एक औसत दर्जे का प्रभाव हो सकता है. लेकिन शोधकर्ताओं के अनुसार, चंद्रमा महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक प्रभावित कर सकता है.


वहीं शोधकर्ताओ ने ये भी पाया कि ढलते चंद्रमा की तुलना में महिलाएं वैक्सिंग के दौरान लगभग 12 मिनट कम सोती हैं. लेकिन वैक्सिंग नाइट में पुरुष 20 मिनट कम सोते हैं.


साथ ही पुरुषों ने अन्य नींद मानकों में महिलाओं की तुलना में खराब प्रदर्शन किया. वैक्सिंग मून के दौरान, पुरुषों ने 3.4% कम नींद की दक्षता, अधिक जागने और नींद की अवधि में अधिक महत्वपूर्ण व्यवधानों का अनुभव किया.


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क्या कहते हैं शोधकर्ता


न्यूरोसाइंटिस्ट क्रिश्चियन बेनेडिक्ट ने कहा कि रिसर्च में हमने पाया कि जिन पुरुषों की नींद चंद्र चक्र की वैक्सिंग अवधि में रात के दौरान दर्ज की गई थी, उनमें नींद की दक्षता कम थी और नींद की शुरुआत के बाद बीच में जागने के समय में वृद्धि हुई थी.
इसके विपरीत, चंद्र चक्र से महिलाओं की नींद काफी हद तक अप्रभावित रही. 


रिसर्च के निष्कर्ष


यह साफ नहीं है कि चंद्रमा नींद की गुणवत्ता को कैसे प्रभावित कर सकता है. रिसर्च के निष्करर्षों में पाया गया कि वैक्सिंग की अवधि के दौरान जब चंद्रमा अतिरिक्त प्रकाश को दर्शाता है, वह नींद में व्यवधान के लिए जिम्मेदार हो सकता है. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)