IND vs ENG: 3 साल पहले हुआ था इंटरनेशनल डेब्यू, फिर बीमारी ने 2 साल तक घेरा; वापसी पर पडिक्कल की दुखद कहानी
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IND vs ENG: 3 साल पहले हुआ था इंटरनेशनल डेब्यू, फिर बीमारी ने 2 साल तक घेरा; वापसी पर पडिक्कल की दुखद कहानी

IND vs ENG 5th Test: देवदत्त पडिक्कल ने 2021 में श्रीलंका के खिलाफ टी20 मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था, लेकिन कोविड-19 से संक्रमित होने और पेट संबंधी बीमारी के कारण उनके करियर का ग्राफ आगे नहीं बढ़ पाया. देवदत्त पडिक्कल ने इन चुनौतियों से पार पाने के बाद घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाना शुरू कर दिया जिसका परिणाम यह निकला कि उन्हें भारत की टेस्ट टीम में जगह मिल गई. 

IND vs ENG: 3 साल पहले हुआ था इंटरनेशनल डेब्यू, फिर बीमारी ने 2 साल तक घेरा; वापसी पर पडिक्कल की दुखद कहानी

Devdutt Padikkal: देवदत्त पडिक्कल पिछले दो साल से भी अधिक समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे, लेकिन इन मुश्किल परिस्थितियों ने उनका खेल के प्रति लगाव बढ़ा दिया और आखिर में वह भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने में सफल रहे. देवदत्त पडिक्कल ने 2021 में श्रीलंका के खिलाफ टी20 मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था, लेकिन कोविड-19 से संक्रमित होने और पेट संबंधी बीमारी के कारण उनके करियर का ग्राफ आगे नहीं बढ़ पाया.

देवदत्त पडिक्कल ने डेब्यू टेस्ट में किया कमाल 

देवदत्त पडिक्कल ने इन चुनौतियों से पार पाने के बाद घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाना शुरू कर दिया जिसका परिणाम यह निकला कि उन्हें भारत की टेस्ट टीम में जगह मिल गई. इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में उन्होंने शुक्रवार को 65 रनों की लाजवाब पारी खेली जिसमें 10 चौके और एक छक्का शामिल है.

बीमारी ने 2 साल तक घेरा

देवदत्त पडिक्कल ने कहा,‘मेरा हमेशा से मानना रहा है कि आप जो भी काम करते हो उसमें सफलता के लिए अनुशासन होना बेहद जरूरी है. फिर चाहे वह अभ्यास हो या दैनिक जीवन की आदतें या फिर भोजन. मैंने अनुशासित रहने का प्रयास किया और यही मेरा मुख्य लक्ष्य था. बीमारी के दौरान मैं बहुत कुछ नहीं कर सका, लेकिन फिर भी मैं चाहता था कि मैं अन्य क्षेत्रों में पीछे ना रहूं. मैंने खुद पर काम जारी रखा फिर चाहे वह मानसिक हो या फिर छोटी -छोटी चीजें.’

वापसी पर पडिक्कल की दुखद कहानी

देवदत्त पडिक्कल ने जब पूर्ण फिटनेस हासिल करने के बाद वापसी की तो उनका खेल अधिक निखर गया था. इसके अलावा उन्होंने अपने खेल में कुछ तकनीकी बदलाव भी किए. उन्होंने कहा,‘तकनीकी तौर पर मैंने कुछ बदलाव किए लेकिन मानसिक तौर पर भी मैंने बदलाव किए. मैं यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि मैं खेल का पूरा लुत्फ उठाऊं. पिछले दो वर्षों में मैंने बहुत अधिक क्रिकेट नहीं खेली और तब मुझे एहसास हुआ कि इस खेल से मेरा कितना गहरा लगाव है और मुझे इसकी कितनी कमी खल रही है.’

नर्वस थे पडिक्कल

रजत पाटीदार के चोटिल होने के कारण देवदत्त पड्डिकल को टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू का मौका मिल गया. पडिक्कल ने कहा,‘मुझे पिछली रात संदेश मिला था कि मैं खेल सकता हूं. मैं नर्वस था. यह मुश्किल रात थी, लेकिन इसके साथ ही आप इसका आनंद भी लेते हो. आपको इसी दिन का इंतजार रहता है.’ अपनी पारी में 10 चौके लगाने के बारे में पडिक्कल ने कहा,‘मैंने प्रत्येक चौके का पूरा आनंद लिया, लेकिन पहले चौके का मैंने भरपूर आनंद उठाया, क्योंकि यह टेस्ट क्रिकेट में मेरा पहला रन था.’

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