IND vs AUS, 2023: ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी आर अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे बेहतरीन स्पिनरों से निपटने के लिये तैयार नहीं हैं. स्पिनरों के खिलाफ बल्लेबाजी एक कला होती है और दुर्भाग्य से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बेहतरीन स्पिन के खिलाफ खेलने आदी नहीं हैं. दिल्ली में दूसरा टेस्ट मैच जीतकर टीम इंडिया ने ये तय कर दिया कि अब सीरीज में उसकी हार तो नहीं हो सकती, लेकिन अब वह ऑस्ट्रेलिया का 4-0 से सफाया किए बगैर नहीं मानेगी.
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IND vs AUS, Test: ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के आउट होने के तरीकों को देखते हुए यह कहना बिल्कुल वाजिब होगा कि उन्होंने दिल्ली में दूसरे टेस्ट में कोटला की धीमी पिच पर भारतीय स्पिनरों के खिलाफ खुद की हार के लिए गड्ढा ‘स्वीप शॉट’ खेलकर खोदा. तीसरे दिन जब ऑस्ट्रेलियाई टीम खेलने उतरी तो उसने 62 रन की बढ़त बनाई हुई थी और उसके पास 9 विकेट थे, जिससे उम्मीद थी कि मैच रोमांचक रहेगा.
ऑस्ट्रेलिया का सबसे घातक हथियार ही बना हार की बड़ी वजह
ऑस्ट्रेलियाई टीम से शनिवार जैसा ही आक्रामक रवैया अख्तियार करने की उम्मीद थी, लेकिन ‘स्वीप शॉट’ पर अत्यधिक जोर देना टीम पर भारी पड़ गया और उन्होंने 19.1 ओवर में 52 रन के अंदर 9 विकेट खो दिए. इससे टीम नागपुर में सीरीज के पहले मैच की तरह दूसरे टेस्ट में भी तीन दिन के अंदर आउट हो गई. स्टीव स्मिथ, मैट रेनशॉ, एलेक्स कैरी, पैट कमिंस और 11वें नंबर के मैथ्यू कुहनेमैन पारंपरिक स्वीप या रिवर्स स्वीप शॉट खेलने की कोशिश में आउट हुए. यह शॉट भारतीय स्पिनरों के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की अपने हालात में आक्रामक विकल्प हो सकता है, लेकिन यह एकमात्र विकल्प नहीं हो सकता, विशेषकर कोटला जैसी धीमी पिच पर.
कंगारू टीम ने अपने लिए ही खोद लिया गड्ढा
पूर्व भारतीय विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने कहा, ‘भारत में बहुत ही कम उम्र में खिलाड़ियों को बता दिया जाता है कि नीची उछाल वाली पिचों पर स्वीप नहीं करना. यह कारगर नहीं होता. इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्टीव स्मिथ का आउट होना था.’ उन्होंने कहा, ‘धीमी उछाल भरी पिच पर ‘होरिजोंटल’ (समानान्तर) शॉट खेलना इतना मुश्किल होता है. यह निराशाजनक था. ऐसा लग रहा था कि कोई भी आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को इसके बारे में नहीं बता रहा था.’ अपना 100वां टेस्ट खेल रहे चेतेश्वर पुजारा ने भी कहा कि इतनी जल्दी जल्दी स्वीप शॉट खेलना आदर्श नहीं था. चेतेश्वर पुजारा ने कहा, ‘यह पिच स्वीप शॉट खेलने के नहीं है, इस पर कम उछाल था. शायद उनके डिफेस में आत्मविश्वास की कमी से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने बार-बार स्वीप की कोशिश की.'
जब आस्ट्रेलियाई विकेट लगातार गिर रहे थे तो दिनेश कार्तिक कमेंटरी कर रहे थे, उन्होंने कहा कि मेहमान टीम की रणनीति ड्रेसिंग रूम में ही तय हो गई थी और वे परिस्थितियों के अनुसार नहीं खेले. कार्तिक ने कहा, ‘जब आपने ड्रेसिंग रूम में ही रणनीति बना ली हो कि मैं इसी तरह से बल्लेबाजी करूंगा तो इससे आप मुश्किल में पड़ सकते हो.’ पिछले साल टी20 विश्व कप में खेलने वाले कार्तिक ने कहा, ‘आप पिच पर आते हो, परिस्थितियों को देखते हो, तभी बल्लेबाजी योजना बनाते हो, फिर आपके सामने जैसे हालात होते हैं, उसके अनुसार ही सामंजस्य बिठाते हो. अगर आपने कल ही इसका फैसला कर लिया था तो इससे आपको परेशानी होगी ही.’
स्पिनरों से निपटने के लिए तैयार नहीं ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी
पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर को लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी आर अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे बेहतरीन स्पिनरों से निपटने के लिये तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘स्पिनरों के खिलाफ बल्लेबाजी एक कला होती है और दुर्भाग्य से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बेहतरीन स्पिन के खिलाफ खेलने आदी नहीं हैं. स्वीप करना आपकी रणनीति का अहम हिस्सा हो सकता है, लेकिन गलती का अंतर बहुत कम होता है. स्वीप शॉट पर नियंत्रण करना मुश्किल होता है, लेकिन फुटवर्क काफी खराब रहा.’ सबसे खराब स्वीप शॉट कमिंस का रहा और वह जडेजा की पहली ही गेंद पर गैर जरूरी स्लॉग स्वीप करने की कोशिश में आउट हुए.
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