IND vs ENG: टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में एक करारी हार का सामना करना पड़ा. लेकिन फिर भी विराट कोहली अपनी एक जिद्द पर अड़े हुए हैं.
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नई दिल्ली: जो रूट की कप्तानी वाली इंग्लैंड की टीम ने टीम इंडिया को लीड्स टेस्ट मैच में पारी और 76 रनों से करारी मात दी. इस मैच में बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन के चलते भारत को हार झेलनी पड़ी. इस मैच में हार के बाद लगातार बड़े-बड़े दिग्गज कह रहे हैं कि अगले टेस्ट में भारत को एक अतिरिक्त बल्लेबाज टीम में शामिल करना चाहिए. लेकिन इस बात को लेकर भारतीय कप्तान विराट कोहली का प्लान कुछ और ही है.
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने हेडिंग्ले में तीसरे टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजी के धराशायी होने के बाद ओवल में चौथे टेस्ट में एक अतिरिक्त बल्लेबाज और एक गेंदबाज कम खेलने के सुझावों को ठुकरा दिया है. भारत शनिवार को मैच एक पारी और 76 रन से हार गया. यह बड़ी हार मुख्य रूप से पहली पारी में बल्ले से खराब प्रदर्शन के कारण हुई, क्योंकि भारतीय टीम 78 रन पर आउट हो गई थी. चौथे दिन शनिवार को, शीर्ष क्रम से शानदार शुरूआत के बाद भारतीय निचला मध्य क्रम फिर से तेजी से गिरते हुए देखा गया.
विराट कोहली ने मैच के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, 'मैं उस संतुलन में विश्वास नहीं करता (एक अतिरिक्त बल्लेबाज को चुनना). मैंने उस संतुलन पर कभी विश्वास नहीं किया. या तो आप कोशिश कर सकते हैं और (खुद को) हार से बचा सकते हैं या फिर आप कोशिश कर सकते हैं और खेल जीत सकते हैं और हमने अतीत में समान संख्या में बल्लेबाजों के साथ मैच ड्रॉ कराए हैं
इससे पहले भारत के पूर्व कप्तान और सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर और पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कहा था कि भारत 2 सितंबर से शुरू होने वाले चौथे टेस्ट में एक अतिरिक्त बल्लेबाज को जगह देने पर मजबूर हो सकता है. भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में मिली करारी हार के बाद कुछ कारण भी गिनाए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि टीम इंडिया स्कोर बोर्ड के दबाव में आ गई थी.
कोहली ने मैच के बाद कहा, 'हम लोग स्कोरबोर्ड के दबाव में आ गए. हमें पता था कि हमें 78 रन पर ऑलआउट होने के बाद 354 रनों की बढ़त का सामना करना है. इंग्लैंड के गेंदबाजों का दबाव बहुत था. वे उस एरिया में गेंदबाजी कर रहे थे जहां हमें परेशानी हो रही थी. हम पहली पारी में 78 रन पर ऑलआउट हुए थे. पिच अच्छी थी और गेंदबाजों का दबाव अत्याधिक था. उनका अनुशासन हमें गलतियां करने पर मजबूर कर रहा था. लंबे समय से अच्छी गेंदबाजी हो रही थी.