नई दिल्ली: न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम (New Zealand Cricket Team) में कई ऐसे खिलाड़ी आए हैं जो भारतीय मूल के हैं. भारत में टैलेंट की कमी नहीं है, लेकिन विशाल आबादी की वजह से हिंदुस्तान में ज्यादातर खिलाड़ी क्रिकेट में अपना करियर बनाने में नाकाम रहते हैं. जिसकी वजह से वो दूसरे देश में चले जाते हैं और वहां से खेलने लगते हैं. खिलाड़ियों का एक वर्ग ऐसा भी है जो एक अलग मकसद के लिए विदेश जाता है लेकिन क्रिकेट को एक पेशे के तौर पर अपनाता है. आइए उन 5 कीवी क्रिकेटर्स से आपको रूबरू करा रहे हैं जिनकी जड़ें इंडिया में हैं.
दिलचस्प बात यह है कि केन्या में जन्मे दीपक पटेल ने इंग्लैंड में अपना क्रिकेट करियर शुरू किया, जिसमें वॉस्टरशायर के लिए तकरीबन एक दशक तक खेला, जिसमें उन्होंने 9,734 रन बनाने के अलावा 357 विकेट झटके. इतने अच्छे ऑल राउंड प्रदर्शन के बावजूद, भारतीय मूल के खिलाड़ी को इंग्लैंड टीम में खेलने का मौका नहीं मिला, जिससे उन्हें बेहतर मौके की तलाश में न्यूजीलैंड जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. ऑफ स्पिनर दीपक ने 1987 में न्यूजीलैंड के लिए डेब्यू किया और वर्ल्ड कप 1987, 1992 और 1996 में हिस्सा लिया. उन्होंने 37 टेस्ट मैच भी खेले जिसमें उन्होंने 75 विकेट लिए और 1,200 रन बनाए. उन्हें 1992 के वर्ल्ड कप में 'ब्लैक कैप्स' के लिए गेंदबाजी की शुरुआत करने के लिए याद किया जाता है. उन्होंने उस विश्व कप के दौरान पहले 15 ओवरों के भीतर विरोधी टीम के बल्लेबाजों को चौंका कर रख दिया. (फाइल फोटो)
ईश सोढ़ी का जन्म पंजाब के लुधियाना में हुआ था, लेकिन उनका परिवार न्यूजीलैंड चला गया. जहां युवा ईश ने छोटी उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू किया. हालांकि उन्होंने पहली बार 2013 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था, लेकिन उन्होंने छोटे फॉर्मेट्स में अपना नाम कमाया. विरोधी टीमों की नाक में दम करने वाले सोढ़ी टी-20 क्रिकेट में मौजूदा कीवी टीम के लिए एक मिस्ट्री बॉलर बने हुए हैं. लेग स्पिनर ने आईपीएल (IPL) में राजस्थान रॉयल्स को भी रिप्रजेंट किया है. (फोटो-ICC)
जीतन पटेल के माता-पिता भारतीय हैं, उनका का जन्म और पालन-पोषण न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंगटन में हुआ था. इस ऑफ-स्पिन गेंदबाज की पहचान जॉन ब्रेसवेल ने की थी जब वो राष्ट्रीय टीम के कोच थे और उन्हें 2005 में वनडे टूर्नामेंट के लिए जिम्बाब्वे ले गए थे. जीतन ने तीनों फॉर्मेट्स में कीवी टीम को रिप्रजेंट किया और उनके नाम पर 24 टेस्ट, 44 वनडे और 10 टी20 मैच हैं. 2017 में, उन्होंने खेल से संन्यास लेने का फैसला किया. उन्होंने स्पिन-गेंदबाजी सलाहकार के तौर पर इंग्लैंड क्रिकेट टीम के साथ भी काम किया. (फोटो-ICC)
बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज जीत रावल का जन्म भारत के गुजरात राज्य में हुआ था. उन्होंने अपने परिवार के साथ न्यूजीलैंड जाने से पहले भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज पार्थिव पटेल के स्कूल में पढ़ाई की थी. दिलचस्प बात ये है कि रावल और पटेल दोनों ने शुरुआती दिनों में अपने स्कूल के लिए एक साथ क्रिकेट खेलते थे. ये बल्लेबाज सीनियर टीम में कदम रखने से पहले न्यूजीलैंड की अंडर-19 टीम से आया था. (फोटो-ICC)
मौजूदा कीवी टीम के ऑलराउंडर रचिन रवींद्र का मजबूत भारतीय कनेक्शन है. वो वेलिंगटन में पैदा हुए और वो पिछले कुछ सालों से भारत में भी खेलते रहे हैं. रविंद्र के पिता रवि कृष्णमूर्ति, बेंगलुरु के एक सॉफ्टवेयर सिस्टम आर्किटेक्ट रहे, जो 1990 के दशक में न्यूजीलैंड चले गए थे. वो न्यूजीलैंड में हट हॉक्स क्लब के संस्थापक हैं, जो हर गर्मियों में खिलाड़ियों को भारत लाते हैं. 17 नवंबर को भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहले टी20 मैच के दौरान रवींद्र ने जयपुर में टीम इंडिया के खिलाफ मैदान में उतरे. लेकिन वो बल्ले से कोई कमाल करने में नाकाम रहे क्योंकि उन्हें मोहम्मद सिराज ने 7 रन पर आउट कर दिया. बल्ले से नाकामी के बावजूद रवींद्र ने अपने नाम से देश के क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींचा. रवींद्र का पहला नाम 'रचिन' दो भारतीय बल्लेबाजों, राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के नाम पर है. उन्होंने सितंबर 2021 में बांग्लादेश के खिलाफ इंटरनेशनल डेब्यू किया. उन्होंने अब तक 6 T20I मैच खेले हैं और 6 विकेट लेते हुए 54 रन बनाए हैं. (फोटो-ICC)
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