क्रिकेट की दुनिया में ऐसे कई दिग्गज आए हैं, जिन्होंने करियर के आखिर में रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी, लेकिन उनका पहला मैच किसी बुरे ख्वाब की तरह था.
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर शेन वॉर्न एक जमाने में इस खेल के सबसे एंटरटेनिंग गेंदबाज थे. वॉर्न का टेस्ट डेब्यू कुछ खास अच्छा नहीं था, लेकिन बाद में उन्होंने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि दर्शकों को अपना दीवाना बना लिया. वॉर्न ने करियर की शुरुआत भारत के खिलाफ की थी और अपने पहले मैच में निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए 45 ओवर में 150 रन दे डाले थे. हालांकि उस मैच में वॉर्न ने रवि शास्त्री का विकेट लिया था. आपको बता दें कि शेन वॉर्न का हर टीम के खिलाफ गेंदबाजी का औसत 30 से नीचे का रहा है, मगर जब बात आती है भारत के खिलाफ गेंदबाजी की तो ये औसत 47.18 का हो जाता है.
वेस्टइंडीज के महान तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग एक ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने उछाल वाली विकटों पर अपना खौफ पैदा कर दिया था. हालांकि ग्रेग चैपल ने उनकी तेजी का खूब फायदा उठाया और गाबा की विकेट पर उनकी अच्छी खासी क्लास लगा दी थी. होल्डिंग के डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में वेस्टइंडीज 214 रन पर ऑल आउट हो गई थी. इसके बाद होल्डिंग ने 20 ओवर्स डाले और सिर्फ 81 रन दिए, मगर यहां वो कोई विकेट नहीं ले पाए थे. फिर दूसरी पारी में वेस्टइंडीज ने विपक्षी टीम के सामने 219 रनों का लक्ष्य रखा. होल्डिंग के लिए ये पारी भी काफी निराशाजनक रही, क्योंकि इसमें उन्होंने 10 ओवर में 46 रन दिए, मगर एक बार फिर विकेट लेने में नाकाम रहे. फिर वाका पर माइकल होल्डिंग ने अपना जलवा दिखाया और अपने खतरनाक स्पैल से ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम के खिलाड़ियों को धराशायी कर दिया. आपको बता दें कि भले ही होल्डिंग के करियर की शरुआत उतनी अच्छी नहीं हुई, मगर बाद में उन्होंने अपना नाम खूब रोशन किया. माइकल होल्डिंग नेअपने करियर में 60 टेस्ट में 249 विकेट लिए.
ऑस्ट्रेलिया के सर डॉन ब्रैडमैन के करियर की अकसर आखिरी पारी की बात की जाती है, जब उन्हें टेस्ट क्रिकेट में 100 की औसत हासिल करने के लिए केवल 4 रनों की जरूरत थी. हालांकि वो गुगली को पहचान नहीं पाए और शून्य पर आउट हो गए थे. अगर ब्रैडमैन पहले मैच में अच्छा कर पाते तो उन्हें आखिरी पारी में 4 रन की जरूरत नहीं होती. ब्रिस्बेन के मैदान पर अपना डेब्यू टेस्ट खेलने वाले ब्रैडमैन को मौरिस टेट ने 18 रनों के निजी स्कोर पर आउट कर दिया था. इसके बाद 742 रनों का पीछा करते हुए ब्रैडमैन एक बार फिर नाकाम रहे और इस बार वो एक रन ही बना पाए. आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया की टीम उस मैच में 66 रनों पर ही सिमट कर रह गई थी, जो आज भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इसके बाद ब्रैडमैन ने एमसीजी में टीम में वापसी की और ऐसा क्रिकेट खेला जिसे आज तक दुनिया याद करती है.
विव रिचर्ड्स जब भी मैदान पर उतरते थे तो सीधा गेंदबाजों पर हमला बोल देते थे, लेकिन पहला मैच उनके लिए भी आसान नहीं था. भगवत चन्द्रशेखर की स्पिन गेंदबाजी के सामने वो भी धराशायी हो गए थे, इसी वजह से उन्होंने अपने पहले टेस्ट की पहली पारी में सिर्फ 4 और दूसरी में 3 रन ही बनाए थे. हालांकि अगले मुकाबले में 192 रन बनाकर रिचर्ड्स ने खूब वाहवाही लूटी थी. फिरोज शाह कोटला में हुए उस मैच में रिचर्डस ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया था.
इंग्लैंड के शानदार खिलाड़ी लेन हटन के नाम 79 मैचों में 7000 रन दर्ज हैं. हटन की तकनीक का मुकाबला शायद ही कोई दूसरा खिलाड़ी कर पाया हो. मगर इस क्रिकेटर ने अपने पहले मैच में कुछ खास कमाल नहीं दिखाया था. अपने पहले मैच में लेन हटन न्यूजीलैंड की कमजोर गेंदबाजी के सामने लड़खड़ाते नजर आए थे. आपको बता दें कि लेन हटन लॉर्ड्स में हुए अपने पहले मुकाबले की पहली पारी में जीरो पर आउट हो गए थे और दूसरी पारी में सिर्फ एक ही रन बना पाए थे. हालांकि पहले टेस्ट के बाद उन्होंने मैदान पर शतक मारकर धमाकेदार वापसी की थी. खास बात ये है कि कोवी टीम के खिलाफ उस मैच में हटन के अलावा कोई और बल्लेबाज रन ही नहीं बना पाया था.
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