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इन प्लेयर्स के लिए धोनी मसीहा से कम नहीं, पहुंचाया फर्श से अर्श पर, आज जीते हैं रईसों की तरह

नई दिल्ली: एमएस धोनी (MS Dhoni) आज 40 साल के हो चुके हैं. अपने करियर के दौरान उन्होंने काफी दौलत और शोहरत हासिल की. माही ने टीम इंडिया (Team India) को कामयाबी की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. उनके बारे में कहा जाता है कि वो खिलाड़ियों से बेस्ट निकालना जानते हैं. एक कप्तान के तौर पर वो अपने प्लेयर्स को काफी सपोर्ट करते हैं. धोनी ने अपने इंटरनेशल करियर के दौरान भारत के कई क्रिकेटर्स को फर्श से अर्श पर पहुंचा दिया.  आइए नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ खिलाड़ियों पर जिनके लिए धोनी किसी मसीहा से कम नहीं हैं.

विराट कोहली

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विराट कोहली

इस बात में कोई शक नहीं है कि विराट कोहली (Virat Kohli) दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं. उन्होंने साल 2008 में एमएस धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था. माही विराट को नंबर-3 पर उतारते रहे जो उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ. साल 2011 में जब कोहली ने टेस्ट डेब्यू किया तो वो वेस्टइंडीज और फिर ऑस्ट्रेलिया सीरीज में फ्लॉप साबित हुए. ये धोनी ही थे जिन्होंने विराट को ड्रॉप नहीं किया फिर इतिहास बन गया.

रोहित शर्मा

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रोहित शर्मा

रोहित शर्मा (Rohit Sharma) टी-20 वर्ल्ड कप 2007 (T20 World Cup 2007) का हिस्सा थे, लेकिन वो वनडे में लगातार फेल हो रहे थे. इसकी वजह से उन्हें वर्ल्ड कप 2011 (World Cup 2011) की भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया. रोहित दोबारा भारत की वनडे टीम में आए, लेकिन कमाल दिखाने में नाकाम रहे. साल 2013 में एमएस धोनी (MS Dhoni) के एक फैसले ने रोहित की जिंदगी बदल दी. माही ने उन्हें ओपनिंग के लिए भेजा, उसके बाद रोहित ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वो 'हिटमैन' (Hitman) के नाम से पुकारे जाने लगे और कई रिकॉर्ड अपने नाम किए.

सुरेश रैना

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सुरेश रैना

ये बात किसी से छिपी नहीं है कि एमएस धोनी (MS Dhoni) और सुरेश रैना (Suresh Raina) में गहरी दोस्ती है. रैना ने साल 2005 में राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) की कप्तानी में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था, लेकिन उन्होंने ज्यादातर मुकाबले माही के अंडर खेले. धोनी लगातार रैना को सपोर्ट करते रहे, जिसकी वजह से वो भारतीय मिडिल ऑर्डर का अहम हिस्सा बन गए. धोनी और रैना आज भी चेन्नई सुपरकिंग्स टीम में एक साथ खेलते हैं. साल 2020 में दोनों खिलाड़ियों ने एक ही दिन इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था.

रवींद्र जडेजा

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रवींद्र जडेजा

रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) आज जो कुछ भी हैं उसमें एमएस धोनी MS Dhoni) का बहुत बड़ा हाथ है. जडेजा अपने करियर के शुरुआती दौर में लगातार फेल हो रहे थे, लेकिन माही ने उनका साथ कभी नहीं छोड़ा. साल 2013 जड्डू के करियर में नया मोड़ लेकर आया जब धोनी उन्हें ऑस्ट्रेलिया टूर पर ले गए. वहां जडेजा ने अपनी बॉलिंग से हर किसी का दिल जीत लिया. उसी साल भारत को चैंपियंस ट्रॉफी दिलाने में जडेजा ने अहम रोल अदा किया.

कुलदीप यादव

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कुलदीप यादव

कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) हमेशा अपनी कामयाबी के लिए एमएस धोनी (MS Dhoni) का शुक्रिया अदा करते हैं. इंटरनेशनल मैचों के दौरान माही स्टंप्स के पीछे से कुलदीप को सलाह देते थे. कुलदीप उन्हें आंख मूंदकर फॉलो करते थे, जिसकी वजह से उन्हें विकेट मिल जाया करता था. जब से धोनी ने संन्यास लिया है, तब से कुलदीप के प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिली है.

रविचंद्रन अश्विन

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रविचंद्रन अश्विन

भारत के टॉप ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने  एक बार कहा था कि एमएस धोनी (MS Dhoni) का उनके करियर पर गहरा असर रहा है और आईपीएल में अपने शुरुआती कुछ साल में वो माही का ध्यान खींचना चाहते थे. अश्विन साल 2008 में चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) के साथ जुड़े फिर नेट सेशन में अपनी गेंदबाजी से असर डालने में कामयाब रहे. चैंपियंस लीग में विक्टोरिया बुशरेंजर्स के खिलाफ सीएसके के मैच में उन्होंने सुपर ओवर फेंकने की पेशकश की और धोनी ने बिना हिचकिचाहट के गेंद उन्हें थमा दी. अश्विन अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और सुपर ओवर में 23 रन लुटा बैठे. इस ऑफ स्पिनर ने कहा कि धोनी मैच के बाद जब उनके पास से गुजरे तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा, ‘तुम्हें कैरम गेंद फेंकनी चाहिए थी.’ इसके बाद अश्विन ने बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ अच्छी कामयाबी हासिल की. ये धोनी की संगत का ही असर है कि अश्विन आज टीम इंडिया की जान बन चुके है.

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