ये हैं आईसीसी चेयरमैन पद के टॉप 6 दावेदार, लिस्ट में एक भारतीय भी शामिल
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ये हैं आईसीसी चेयरमैन पद के टॉप 6 दावेदार, लिस्ट में एक भारतीय भी शामिल

आईसीसी चेयरमैन पद के लिए सबसे मजबूत दावेदारी इंग्लैंड के कोलिन ग्रेव्स और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की ही मानी जा रही है.

ये हैं आईसीसी चेयरमैन पद के टॉप 6 दावेदार, लिस्ट में एक भारतीय भी शामिल

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी से जूझने के दौरान मैदान पर वापस लौटती क्रिकेट को अगले कुछ दिन एक और संघर्ष से जूझना पड़ेगा. ये संघर्ष है क्रिकेट की सर्वोच्च प्रशासनिक गद्दी पर बैठने वाले का चयन करने का यानी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) का अगला चेयरमैन चुनने का. शंशाक मनोहर (Shashank Manohar) के इस पद से इस्तीफा देने के बाद हर किसी की जुबां पर 'कौन बनेगा चेयरमैन?' का ही सवाल तैर रहा है. अगले सप्ताह आईसीसी बोर्ड नए चेयरमैन के चयन की प्रक्रिया पर मुहर लगाएगा. लेकिन इससे पहले क्रिकेट के अलग-अलग हलकों से आ रही खबरों पर ध्यान दें तो इस समय 6 लोग इस पद के लिए दावेदारी की होड़ में हैं, जिनके आईसीसी चेयरमैन बनने के लिए अलग-अलग कारण गिनाए जा रहे हैं. इस लिस्ट में एक भारतीय भी शामिल हैं.

  1. इमरान ख्वाजा बने रह सकते हैं स्थायी अध्यक्ष
  2. वेस्टइंडीज के कैमरन खुद जता चुके हैं दावा
  3. नेनजानी और बार्कले का नाम भी कतार में

सौरव गांगुली का नाम है सबसे आगे
आईसीसी चेयरमैन बनने की होड़ में शामिल दावेदारों की सूची में सबसे अव्वल नाम पूर्व भारतीय कप्तान और फिलहाल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का चल रहा है. हालांकि खुद गांगुली ने अभी तक एक बार भी यह नहीं कहा है कि वे इस पोस्ट के लिए नामांकन करेंगे या नहीं. लेकिन उनका बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर कार्यकाल  खत्म होने की संभावना देखकर यह माना जा रहा है कि वे आईसीसी अध्यक्ष बनने के लिए दावेदारी करेंगे. दरअसल गांगुली का बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल लोढा समिति की सिफारिशों के कारण आगामी 27 जुलाई को खत्म हो जाएगा. 

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लोढा समिति की सिफारिशों में बीसीसीआई व राज्य संघ में मिलाकर कुल 6 साल के कार्यकाल का प्रावधान है, जिसके बाद 3 साल का अनिवार्य कूलिंग ऑफ पीरियड लेना पड़ता है. गांगुली के 6 साल 27 जुलाई को पूरे हो जाएंगे. हालांकि इस अनिवार्य ब्रेक से छूट के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की हुई है, लेकिन उस पर अभी तक सुनवाई भी शुरू नहीं हो सकी है. ऐसे में बीसीसीआई छोड़ने की स्थिति में गांगुली खुद भी क्रिकेट की सर्वोच्च प्रशासनिक संस्था की शीर्ष गद्दी पर बैठना पसंद करेंगे. गांगुली की दावेदारी को श्रीलंका क्रिकेट पहले ही समर्थन दे चुका है. इसके अलावा बांग्लादेश, वेस्टइंडीज आदि देशों से भी उन्हें ही समर्थन मिलने की उम्मीद है.

गांगुली के लिए ग्रेव्स की चुनौती सबसे बड़ी
आईसीसी चेयरमैन बनने की रेस में गांगुली के सामने सबसे बड़ी चुनौती इंग्लैंड के कोलिन ग्रेव्स (Colin Graves) की है. ग्रेव्स इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के पूर्व चेयरमैन रह चुके हैं और आईसीसी की प्रशासनिक व्यवस्था से भी पूरी तरह वाकिफ हैं. ग्रेव्स की दावेदारी का समर्थन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया भी कर चुका है. गांगुली का नाम चेयरमैन पद के लिए उछलने से पहले माना जा रहा था कि ग्रेव्स के पास बीसीसीआई का भी समर्थन है. हालांकि ग्रेव्स के नाम पर दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य का सहमत होना मुश्किल लग रहा है. लेकिन उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का समर्थन मिल सकता है. खासतौर पर इस कोरोना काल में भी पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को अपने यहां बुलाने के ईसीबी के कदम के चलते यह संभावना बढ़ गई है.

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इमरान ख्वाजा हो सकते हैं कार्यवाहक से स्थायी अध्यक्ष
यह भी संभावना जताई जा रही है कि फिलहाल आईसीसी बोर्ड इमरान ख्वाजा (Imran Khawaja) को ही अगले एक टर्म के लिए चेयरमैन बनाए रखने पर सहमति जता दे. ख्वाजा ने शशांक मनोहर के इस्तीफा देने पर कार्यवाहक चेयरमैन के तौर पर कामकाज संभाल लिया है. डिप्टी चेयरमैन के तौर पर वह पूरी प्रशासनिक व्यवस्था और वर्तमान चुनौतियों से भी वाकिफ हैं. हालांकि ख्वाजा की राह में एकमात्र चुनौती उनका एक एसोसिएट मेंबर देश से आना है. ख्वाजा आईसीसी में सिंगापुर क्रिकेट का प्रतिनिधित्व करते हैं और यह देखना होगा कि क्रिकेट के स्थायी सदस्य देश किसी एसोसिएट मेंबर के प्रतिनिधि को सर्वोच्च पद पर बैठाना चाहेंगे या नहीं.

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वेस्टइंडीज के पूर्व बॉस भी आ गए हैं होड़ में
क्रिकेट वेस्टइंडीज के पूर्व प्रमुख डेव कैमरन (Dave Cameron) के भी आईसीसी चेयरमैन पद के लिए दावेदारी जता देने से मुकाबला रोमांचक हो गया है. 2013 से 2019 तक क्रिकेट वेस्टइंडीज के बॉस रहे कैमरन की दावेदारी का समर्थन यूएसए ने भी किया है. कैमरन ने दावेदारी जताते हुए क्रिकेट में रेवेन्यू के असमान बंटवारे का मुद्दा उठाया है, जो हालिया  सालों में बेहद गर्म मुद्दा रहा है. कैमरन का कहना है कि तीन बड़े देशों भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को सबसे ज्यादा रेवेन्यू शेयर दिए जाने के बजाय ऐसा फाइनेंशियल मॉडल होना चाहिए, जिसमें सभी को बराबर हिस्सेदारी मिले. कैमरन के इस बयान से उन्हें एसोसिएट मेंबर देशों का समर्थन हासिल हो सकता है, लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने नामांकन की पुष्टि को कम से कम दो स्थायी सदस्य देशों का समर्थन पाना बन सकता है.

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नेनजानी और बार्कले का भी नाम कतार में
आईसीसी चेयरमैन पद के लिए क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के क्रिस नेनजानी (Chris Nenzani) और न्यूजीलैंड क्रिकेट के ग्रेगोर बार्कले (Gregor Barclay) का नाम भी होड़ में है, लेकिन इन दोनों के सामने भी अपने नाम की पुष्टि के लिए स्थायी सदस्य देशों का समर्थन हासिल करने की चुनौती खड़ी होगी.

 

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