बीमार पिता को लेकर दर-दर भटकते रहे थे विराट कोहली, मदद के लिए कोई भी नहीं आया आगे
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बीमार पिता को लेकर दर-दर भटकते रहे थे विराट कोहली, मदद के लिए कोई भी नहीं आया आगे

Virat Kohli Father Prem Kohli Story: कोहली ने अपने पिता को खो दिया था, जिसके बाद उन्होंने खुद को संभाला. विराट कोहली ने अपने पारिवारिक दुख से पार पाते हुए दुनिया भर में खूब नाम कमाया. आज वह भारत और दुनिया के सफल क्रिकेटरों में गिने जाते हैं. 

Virat Kohli Father Prem Kohli

नई दिल्ली: वर्ल्ड क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट के महारथी टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) अपने जज्बे की वजह से बड़े-बड़े रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं, हालांकि कोहली की जिंदगी का एक हिस्सा बहुत दर्दनाक रहा, जब उन्होंने छोटी उम्र में ही अपने पिता को खो दिया.अपने पिता को बचाने के लिए कोहली दर-दर भटकते रहे, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की. इस बात का खुलासा खुद विराट कोहली ने किया था.

  1. कोहली की जिंदगी का एक हिस्सा बहुत दर्दनाक
  2. कोहली के पिता का ब्रेन स्ट्रोक की वजह से निधन हो गया था
  3. डॉक्‍टरों ने मदद के लिए नहीं खोला दरवाजा

कोहली की जिंदगी का ये हिस्सा बहुत दर्दनाक

एक इंटरव्यू में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने अपने जीवन के सबसे दुख भरे पल का खुलासा किया था, जिसने पूरी तरह उनकी जिंदगी को बदल कर रखा दिया. एमी पुरस्कार विजेता पत्रकार ग्राहम बेनसिंगर ने कोहली का इंटरव्यू लिया था, जिसमें कोहली ने पिता की मौत के दौरान अपनी मानसिक स्थिति के बारे में बताया था.

कोहली के पिता का ब्रेन स्ट्रोक की वजह से निधन हो गया था

बता दें कि 19 दिसंबर 2006 को विराट कोहली के पिता प्रेम कोहली (Prem Kohli) का 54 साल की उम्र में ब्रेन स्ट्रोक की वजह से निधन हो गया था. उस वक्त विराट महज 18 साल के थे और वह दिल्ली में रणजी ट्रॉफी में खेल रहे थे. दिल्ली का वह मैच कर्नाटक के खिलाफ था. कोहली ने दिल्ली को फॉलोऑन से बचाने के लिए 90 रनों की शानदार पारी खेली. उसके बाद ही वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए.

डॉक्‍टरों ने मदद के लिए नहीं खोला दरवाजा

कोहली ने बताया कि उन्‍होंने पिता को आंखों के सामने आखिरी सांस लेते देखा. पिता की मौत ने उनकी जिंदगी पर सबसे ज्‍यादा असर डाला. उस समय उन्‍होंने अपने भाई से कहा था कि वह देश के लिए खेलना चाहते हैं और पिता का भी यही सपना था तो वे इसे पूरा करेंगे. कोहली ने बताया, 'मैं रणजी ट्रॉफी का मैच खेल रहा था और जब मेरे पिता का निधन हुआ तो मुझे टीम के लिए अगले दिन बल्‍लेबाजी करनी थी. सुबह के ढाई बजे पिता का देहांत हुआ. मैंने उन्‍हें आखिरी सांस लेते हुए देखा. हम आसपास के डॉक्‍टरों के यहां गए, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला. फिर हम उन्‍हें अस्‍पताल लेकर गए लेकिन दुर्भाग्‍य से डॉक्‍टर उन्‍हें बचा नहीं पाए. परिवार के सभी लोग टूट गए और रोने लगे लेकिन मेरी आंखों से आंसू नहीं आ रहे थे और मैं सन्‍न था.'

तकलीफों के बावजूद बेस्ट बल्लेबाज बने कोहली

कोहली ने बताया कि पिता की मौत ने उन्‍हें बुरे समय का सामना करना सिखाया. मेरे पापा हमेशा चाहते थे कि मैं इंडिया के लिए खेलूं. विराट कोहली की हमेशा से क्रिकेट के भगवान कह जाने वाले सचिन तेंदुलकर से तुलना की जाती है. इसका कारण कोहली की बेहतरीन बल्लेबाजी है. कोहली ने हालांकि हमेशा इस तुलना से दूरी बनाए रखी है और कहा है कि सचिन उनके बचपन के हीरो हैं. कोहली ने बताया कि उन्होंने कभी यह बात मानने से इनकार नहीं किया है कि वह हमेशा से सचिन की तरह बनना चाहते थे.

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