विराट कोहली (Virat Kohli) के फैसले ने दुनियाभर क्रिकेट दिग्गजों को हैरान कर दिया है. संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) ने भी 'किंग कोहली' के अचानक लिए गए फैसले को लेकर अहम बात कही है.
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नई दिल्ली: भारत के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) ने विराट कोहली (Virat Kohli) के भारत टेस्ट कप्तानी छोड़ने के पीछे के कारणों को बताते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज हार के बाद बल्लेबाज को कप्तानी जाने का भय था. भारत के केपटाउन में तीसरे और अंतिम टेस्ट में सात विकेट से हार के साथ दक्षिण अफ्रीका से सीरीज 1-2 से हारने के एक दिन बाद, विराट कोहली ने टेस्ट टीम के कप्तान के रूप में पद छोड़ दिया.
विराट कोहली (Virat Kohli) द्वारा अपने फैसले के ऐलान के बाद, कई मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों ने उन्हें टेस्ट टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए बधाई दी. हालांकि, ईएसपीएन क्रिकइंफो से बात करते हुए संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) ने बताया कि कप्तान के रूप में कोहली का कार्यकाल बहुत जल्दी सभी फॉर्मेट में खत्म हो गया.
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संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) ने कहा, ‘ये एक के बाद एक बहुत ही कम समय में सफेद गेंद की कप्तानी और आईपीएल कप्तानी भी छोड़ दिए थे. यह भी हैरान करने वाला था, लेकिन यह दिलचस्प बात है कि एक के बाद एक तीनों फॉर्मेट में इस्तीफे इतनी जल्दी आए.’
संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) को लगा कि विराट कोहली नहीं चाहते कि कोई उन्हें कप्तानी से बर्खास्त करे. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि वो किसी तरह से खुद को कप्तान के रूप में खराब साबित होते नहीं देखना चाहते थे. इसलिए जब उन्हें लगा कि अब उनकी कप्तानी खतरे में है, तो वह खुद कप्तानी के पद से हट गए.’
विराट कोहली (Virat Kohli) ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में भारत की कप्तानी की थी. उनको एमएस धोनी ने जनवरी 2015 में सिडनी में चौथे मैच से पहले टेस्ट फॉर्मेट से संन्यास लेने के ऐलान के बाद फुल टाइम सौंपी गई थी.
भारत के लिए विराट कोहली ने खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट में सबसे कामयाब कप्तान के रूप में टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा दिया है. कप्तान के रूप में कुल मिलाकर उनके समय के दौरान भारत ने 68 टेस्ट खेले, जिसमें 40 जीते, 17 हारे और 11 मैच ड्रॉ रहे. उनका जीत प्रतिशत 58.82 था और उनके कार्यकाल के दौरान टीम ने विदेशी और घरेलू परिस्थितियों में यादगार जीत दर्ज की. केपटाउन टेस्ट भारत के कप्तान के रूप में कोहली के लिए आखिरी मैच था.