Flat Buy: देश में कई बिल्डर हैं, जो प्रॉपर्टी सेलिंग का काम करते हैं लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि लोग बिल्डर के चंगुल में फंस जाते हैं. इससे बचने के लिए रेरा का इस्तेमाल किया जा सकता है. दरअसल, कई बार ऐसे मामले देखने को मिले हैं कि लोग फ्लैट खरीदने के लिए बिल्डर से संपर्क करते हैं और बिल्डर उनसे फ्लैट बुकिंग के लिए चार्ज भी ले लेता है. वहीं सारी पेमेंट हो जाने के बावजूद बिल्डर पजेशन देने में आनाकानी करता है. ऐसे में रेरा उनकी मदद कर सकता है.


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रेरा
बिल्‍डर्स की मनमानी को कम करने के लिए रियल एस्‍टेट नियामक प्राधिकरण (Rera) का गठन मकान और प्रॉपर्टी खरीदारों की मदद के लिए बना है. RERA बिल्डरों को बिल्ट-अप और सुपरबिल्ट-अप दोनों क्षेत्रों के लिए घर खरीदारों से शुल्क लेने से रोकने का लाभ प्रदान करता है. RERA अधिनियम का उद्देश्य विशिष्ट रियल एस्टेट उद्योग से संबंधित नियमों को व्यवस्थित या मानकीकृत करना है.


घर खरीदारों के हितों की रक्षा
भारत सरकार ने देश में विभिन्न घर खरीदारों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से 2016 में अधिनियम पेश किया था. इस अधिनियम का एकमात्र उद्देश्य रियल एस्टेट उद्योग में बिल्डरों की अवैध और अनुचित प्रथाओं को समाप्त करना था, जिसमें घर खरीदारों से उस संपत्ति की कीमत से बहुत अधिक शुल्क लिया जाता था, जिसे वे खरीदना चाहते थे. परिणामस्वरूप, सरकार ने विशिष्ट नियम और विनियम स्थापित किए हैं जिनका प्रत्येक बिल्डर को रियल एस्टेट उद्योग में संपत्ति बनाते और बेचते समय पालन करना होगा.


रेरा अधिनियम के लाभ
घर खरीदना हर किसी के लिए बड़ी बात होती है. यह एक गुणवत्तापूर्ण निवेश है, और खरीदारों को रियल एस्टेट की कीमतों से परे सोचने की जरूरत है. वहीं रेरा प्रभावित खरीदार के हितों की रक्षा के लिए बना है. भारत सरकार ने अधिनियम लाकर घर खरीदारों को सुरक्षा की भावना देने के लिए समस्या का समाधान स्वयं ही किया है.


RERA अधिनियम के लाभ
- पारदर्शिता का अधिकार
- मानकीकृत अतिरिक्त भवन क्षेत्र
- खामियों के लिए बिल्डर जिम्मेदार
- संपत्ति विकास में देरी प्रतिबंधित है
- बिल्डर्स आपके पैसे का उपयोग अन्य परियोजनाओं के लिए नहीं कर सकते