AC, TV या फ्रिज खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं? देना पड़ सकता है ज्यादा पैसा; जानिए क्यों
Samsung, Havells, Bajaj Electricals और V-Guard जैसी बड़ी कंपनियों ने या तो पहले ही दाम बढ़ा दिए हैं या जल्द ही ऐसा करने वाली हैं. गौर करने वाली बात ये है कि ये बढ़ोत्तरी करीब नौ महीने की स्थिरता के बाद हो रही है.
भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने वालों के लिए एक बुरी खबर है! Economic Times के अनुसार, इस महीने से मोबाइल फोन, टीवी, फ्रिज आदि सामानों की कीमतों में 2 से 5% तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है. Samsung, Havells, Bajaj Electricals और V-Guard जैसी बड़ी कंपनियों ने या तो पहले ही दाम बढ़ा दिए हैं या जल्द ही ऐसा करने वाली हैं. गौर करने वाली बात ये है कि ये बढ़ोत्तरी करीब नौ महीने की स्थिरता के बाद हो रही है.
बढ़ सकती हैं कीमतें
भारत की दूसरी सबसे बड़ी घरेलू उपकरण बनाने वाली कंपनी, Samsung Electronics India ने कथित तौर पर पिछले हफ्ते अपने व्यापारिक साझेदारों को व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से सूचित किया कि 'भारतीय रुपये के डेप्रिसिएशन को ध्यान में रखते हुए इनपुट लागत में वृद्धि के कारण, हम अगले महीने (जून) से HA (होम अप्लायंस) कैटेगरी में 2.5% की मूल्य वृद्धि की ओर देख रहे हैं.'
इलेक्ट्रॉनिक सामानों की कीमतों में बढ़ोत्तरी के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:
कच्चे माल की महंगाई: तांबा, एल्यूमिनियम जैसी चीजों के दाम हाल के महीनों में 20-25% तक बढ़ गए हैं, जिससे सामान बनाना महंगा हो गया है.
जहाजों का खर्च: लाल सागर में हुई परेशानी (Red Sea crisis) की वजह से सामान लाने वाले जहाजों का आना-जाना प्रभावित हुआ है, जिससे सामान लाने का खर्च दो से तीन गुना तक बढ़ गया है.
रुपये का कमजोर होना: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कीमत कम हो गई है, जिससे विदेशों से सामान मंगवाना महंगा हो गया है.
Economic Times की रिपोर्ट में बताया गया है कि हर तरह के इलेक्ट्रॉनिक सामान की कीमतों में एक जैसी बढ़ोत्तरी नहीं होगी. Havells के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल राय गुप्ता ने बताया कि तारों और केबल्स की कीमतों में बढ़ोत्तरी की पुष्टि की गई है और एयर कंडीशनर और फ्रिज की कीमतों में 5-7% तक की बढ़ोत्तरी का अनुमान है क्योंकि तांबा और एल्युमिनियम जैसी चीजों के दाम काफी बढ़ गए हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर में मुनाफा बहुत कम होता है, इसलिए जरूरी है कि ज्यादा खर्च में बने सामानों की कीमतों में थोड़ी बढ़ोत्तरी ग्राहकों को भी भुगतनी पड़े, खासकर केबल और वायर जैसे सामानों पर जिनका मुनाफा वैसे ही कम होता है.