ChatGPT से सावधान! लोगों को ऐसे बना रहा कंगाल; डाउनलोड करने से पहले जान लें ये चीज
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ChatGPT से सावधान! लोगों को ऐसे बना रहा कंगाल; डाउनलोड करने से पहले जान लें ये चीज

ChatGPT को डाउनलोड या इस्तेमाल करने जा रहे हैं, तो आपको सावधान रहने की जरूरत है. Kaspersky के साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने नए मैलवेयर से भरे नकली ChatGPT डेस्कटॉप ऐप की खोज की है जो यूजर्स के सोशल मीडिया क्रेडेंशियल्स को संभावित रूप से चुरा सकता है. 

 

ChatGPT से सावधान! लोगों को ऐसे बना रहा कंगाल; डाउनलोड करने से पहले जान लें ये चीज

ChatGPT काफी पॉपुलर होता जा रहा है और काफी चर्चा है. लेकिन लोकप्रियता का फायदा स्कैमर्स भी उठा रहे हैं. Kaspersky के साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने नए मैलवेयर से भरे नकली ChatGPT डेस्कटॉप ऐप की खोज की है जो यूजर्स के सोशल मीडिया क्रेडेंशियल्स को संभावित रूप से चुरा सकता है. अपने ब्लॉग पोस्ट में साइबर सिक्योरिटी ने लिखा, 'फेक डेस्कटॉप एप पर लिंक फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्रााम पर प्रसारित हो रहे हैं.' सोशल मीडिया पोस्ट पर यह भी कहा गया है कि डाउनलोड करने पर बैंक अकाउंट में 50 डॉलर जमा हो जाएंगे. लेकिन ऐप यूजर्स के डेटा को चुराने के लिए मैलवेयर इंस्टॉल करता है.

FOBO मैलवेयर

इस मैलवेयर की पहचान FOBO के रूप में की है. रिसर्चर्स बताते हैं कि हैकर्स ने नकली ChatGPT वेबसाइट को तैयार किया है जो बिल्कुल असली जैसी लगती है. जैसे ही यूजर पोस्ट पर दिए लिंक पर क्लिक करते हैं तो उनको फर्जी वेबसाइट पर भेज दिया जाता है. जब वे ऐप डाउनलोड करने का ऑप्शन चुनते हैं तो इंस्टॉलेशन प्रोसेस अचानक बीच में रुक जाता है. 

ऐसे सिस्टम में इंस्टॉल हो जाएगा फोबो मैलवेयर

आपको लगेगा कि डाउनलोड में प्रोब्लम आ रही है, लेकिन हकीकत में पीछे मैलवेयर फोबो आपके सिस्टम में इंस्टॉल हो जाएगा. रिसर्चर्स का कहना है कि इस मैलवेयर को कुकीज चुराने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें लॉगिन क्रेडेंशियल्स भी शामिल हैं. यह मैलवेयर ट्रोजन क्रोम, फायरफॉक्स सहित कई वेब ब्राउजर्स को प्रभावित कर रहा है. हैकर्स कुकीज का इस्तेमाल करके फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल सहित कई प्लैटफॉर्म्स की डिटेल्स चुरा सकते हैं. 

इस जगहों पर किया गया अटैक

रिसर्चर्स ने यह भी दावा किया है कि स्कैमर्स ग्लोबल मार्केट को निशाना बना रहे हैं. इस फेक वेबसाइट ने अफ्रीका, एशिया, यूरोप और अमेरिका में यूजर्स पर हमला किया है. Kaspersky के साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर ने फोटो ट्रोजन के बारे में बात करते हुए कहा, 'इस कैम्पेन से पता चलता है कि हैकर्स कैसे लोक्रिय ब्रांडों पर यूजर्स के भरोसे का फायदा उठा रहे हैं. लेकिन सर्तक रहकर यूजर इस प्रकार के हमलों से खुद को बचा सकते हैं.' 

लोगों को पता होने चाहिए कि चैटजीपीटी का कोई आधिकारिक ऐप नहीं है. एआई-संचालित चैटबॉट उपयोग करने के लिए इंडिपेंडेंट रहता है और यूजर प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. 

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