Open AI: ओपनएआई ने अपनी जेनरेटिव एआई-आधारित तकनीकों जैसे चैटजीपीटी, डैल-ई और अन्य को आगामी चुनावों के दौरान 'लोकतांत्रिक प्रक्रिया' को कमजोर करने से रोकने के लिए कई नीतिगत बदलाव किए हैं. विशेष रूप से, अमेरिका, ब्रिटेन और भारत सहित दुनिया के प्रमुख लोकतांत्रिक देशों में जहां इस साल चुनाव होंगे.


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OpenAI की तरफ से क्या खा गया


नए अपडेट्स के बारे में एक ब्लॉगपोस्ट में, OpenAI ने लिखा, “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे AI सिस्टम सुरक्षित रूप से निर्मित, तैनात और उपयोग किए जाएं. किसी भी नई तकनीक की तरह, ये उपकरण लाभ और चुनौतियों के साथ आते हैं... जैसा कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में 2024 में चुनावों की तैयारी कर रहे हैं, हमारा पॉइंट ऑफ़ व्यू सटीक मतदान जानकारी को बढ़ाकर, मापी गई नीतियों को लागू करने और पारदर्शिता में सुधार करके अपने प्लेटफ़ॉर्म सुरक्षा कार्य को जारी रखना है.''


सैम ऑल्टमैन के नेतृत्व वाले स्टार्टअप की तरफ से कहा गया कि, "हम प्रासंगिक दुरुपयोग की आशंका और रोकथाम के लिए काम करते हैं - जैसे भ्रामक "डीपफेक", बड़े पैमाने पर प्रभाव संचालन, या उम्मीदवारों का प्रतिरूपण करने वाले चैटबॉट." 


2024 चुनावों से पहले OpenAI की नई नीतियां:


ओपनएआई ने कहा कि वह अपनी तकनीक को राजनीतिक प्रचार और लॉबींग के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति देगा. कंपनी उन चैटबॉट्स के निर्माण पर भी रोक लगा रही है जो वास्तविक लोगों (उम्मीदवारों) या स्थानीय सरकारों का दिखावा कर सकते हैं. सैन फ्रांसिस्को स्थित एआई स्टार्टअप ने कहा कि वह उन अनुप्रयोगों को भी अनुमति नहीं देगा जो लोगों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने से रोकेंगे जैसे मतदाताओं को हतोत्साहित करना या योग्यता को गलत तरीके से प्रस्तुत करना.


ये ऐलान भी हुआ है


ओपनएआई ने यह भी घोषणा की है कि वह यूजर्स को डैल-ई से जेनरेट इमेजेस का पता लगाने में मदद करने के लिए एक प्रोवेंस क्लासिफायर लागू करेगा. कंपनी ने कहा कि उसका नया टूल जल्द ही पत्रकारों और शोधकर्ताओं सहित परीक्षकों के पहले समूह के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.