Razorpay का कहना है कि देश में मौजूदा 700 मिलियन इंटरनेट यूजर्स में से 70 फीसदी स्थानीय भाषाओं में लेनेदेन करना पसंद करते हैं. स्थानीय भाषा छोटे और मझौले बिजनेस में सीधा असर डालते हैं. कंपनी का कहना है कि भारत में अभी भी ज्यादातर छोटे और मझौले व्यवसायी लेनदेन के लिए अंग्रेजी में ज्यादा सहज महसूस नहीं करते हैं.
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नई दिल्ली: इन दिनों भारत में लोग डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. ऐसे वक्त जब गूगल पे (Google Pay), पेटीएम (Paytm) और मोबाइलपे (MobilePe) जैसी कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए ए़ड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं, एक भारतीय कंपनी ने स्थानीय भाषाओं में पेमेंट करने वाला फीचर लॉन्च कर दिया है. भारतीय कंपनी Razorpay ने हिंदी भाषा में चेकआउट पेज लॉन्च किया है. इसका मतलब ये हुआ कि अब Razorpay के यूजर अपनी भाषा में भी पेमेंट्स कर पाएंगे.
कंपनी का कहना है कि पेमेंट ऐप में देसी भाषा के इस्तेमाल से हिंदीभाषी ग्राहकों को सीधा फायदा मिलेगा. उम्मीद जताई जा रही है कि इस नए फीचर से बिजनेस करने वालों की कमाई में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है.
कंपनी के अनुसार पिछले साल कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से कई लघु और मध्यम व्यवसाय पहली बार ऑनलाइन हुए हैं. देसी कंपनी Razorpay का कहना है कि 2019 के मुकाबले 2020 में टियर-2 और टियर- 3 शहरों में 93 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
Razorpay का कहना है कि देश में मौजूदा 700 मिलियन इंटरनेट यूजर्स में से 70 फीसदी स्थानीय भाषाओं में लेनेदेन करना पसंद करते हैं. स्थानीय भाषा छोटे और मझौले बिजनेस में सीधा असर डालते हैं. कंपनी का कहना है कि भारत में अभी भी ज्यादातर छोटे और मझौले व्यवसायी लेनदेन के लिए अंग्रेजी में ज्यादा सहज महसूस नहीं करते हैं. हिंदी भाषा में ऑप्शन मिलने पर स्थानीय यूजर्स को सीधा फायदा मिलेगा.
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जानकारी के मुताबिक Razorpay अपने पेमेंट ऐप के लिए 7 अन्य भाषाओं को जोड़ने पर भी काम कर रही है. आने वाले दिनों में कंपनी तमिल और तेलुगू सहित 7 स्थानीय भाषाओं को भी शामिल करने की तैयारी कर रही है.