investment scams in india: कई खबरों में बताया गया है कि कैसे धोखेबाज लोगों को फंसाने के लिए फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कीम चला रहे हैं. ये जालसाज लोगों को ज्यादा मुनाफे का लालच देकर उनसे मोटी रकम जमा करा लेते हैं और बाद में लोगों को पता चलता है कि उनके साथ धोखा हुआ है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म WhatsApp, Facebook, X और Telegram पर ऐसे फर्जी निवेश स्कीमों में काफी तेजी आई है.


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CloudSEK की रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा


साइबर सिक्योरिटी कंपनी CloudSEK ने ये भी बताया है कि उनकी रिपोर्ट में इन धोखेबाज़ गतिविधियों के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई है, जो खासकर भारत समेत दुनिया भर के देशों में लोगों को निशाना बनाती हैं. रिपोर्ट में कहा गया, 'नकली इन्वेस्टमेंट कराने का तरीका पूरी तरह बदल गया है, खासकर WhatsApp और Telegram जैसे सोशल मीडिया चैट ऐप्स के आने के बाद से. धोखेबाज अब जाने-माने फाइनेंशियल प्रोफेशनल्स, फंड मैनेजर्स और सोशल मीडिया सितारों की नकल करके लोगों को फंसाते हैं. ये उन्हें जल्दी पैसा कमाने का झांसा देकर फर्जी निवेश ग्रुप्स में शामिल होने के लिए मनाते हैं.'


ऑनलाइन घूम रहे गई ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट ऐड


एक साइबर सुरक्षा कंपनी CloudSEK ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले 6 महीनों में (Jan से June 2024) Facebook पर उन्होंने 29,000 से ज्यादा फर्जी निवेश के विज्ञापन देखे हैं और WhatsApp पर 81,000 से ज्यादा फर्जी निवेश के ग्रुप्स पाए हैं. उनकी रिपोर्ट के मुताबिक एक धोखेबाज जो 6 सालों से यह काम कर रहा है हर महीने करीब $50,000 ( ₹41 लाख) कमा रहा है. इतना ही नहीं, लोगों का फोन नंबर और नाम जैसी जानकारी मात्र $100 में 10,000 लोगों की डिटेल के लिए खरीदी जा सकती है.


सोशल मीडिया को हथियार बनाकर उड़ा रहे भारतीयों का पैसा


धोखेबाज लोगों को फंसाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. ये जाने-माने फाइनेंशियल कंपनियों और सलाहकारों का रूप धरकर लोगों को फर्जी निवेश ग्रुप्स में शामिल होने के लिए कहते हैं. ये ग्रुप्स में शामिल होने का लालच देने के लिए जल्दी और बहुत ज्यादा मुनाफा कमाने का झांसा देते हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि 'इन ग्रुप्स में, धोखेबाज फर्जी कमाई के सबूत दिखाकर और ज्यादा मुनाफे का वादा करके लोगों को फंसाते हैं. फिर ये लोग सारे पैसे लेकर गायब हो जाते हैं, जिससे लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.'


ये धोखेबाज चोरी किए हुए डेटा, फर्जी प्रोफाइल और नकली ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों के पैसे चुराते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक ये एक सुनियोजित तरीके से चलता है. इसमें अपराधी हैकर्स से चुराया हुआ शेयर बाजार का डेटा खरीदते हैं, जो हैकर्स अंधेरे कारोबार करने वाली वेबसाइटों से लाते हैं. 'ये बिचौलिए ये चोरी का डेटा संगठित अपराध गिरोहों को बेचते हैं जो बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करते हैं. ये गिरोह फर्जी इन्वेस्टमेंट करके सफल निवेशकों का नाटक करते हैं और सोशल मीडिया पर लोगों को फंसाकर व्हाट्सएप ग्रुप्स में लाते हैं.' रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि भारत के अलावा मलेशिया, अमेरिका, थाईलैंड और वियतनाम भी इन धोखेबाज़ इन्वेस्टमेंट स्कीमों के निशाने हैं.