Tokyo Olympics में Medals में किया है इस चीज का इस्तेमाल, Video देखकर आप भी रह जाएंगे Shocked
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Tokyo Olympics में Medals में किया है इस चीज का इस्तेमाल, Video देखकर आप भी रह जाएंगे Shocked

ओलंपिक खेलों में पदक जीतना एक बहुत बड़ी बात है. टोक्यो में आयोजित हो रहे इन खेलों में पदक किस तरह बने हैं, ओलंपिक की आयोजक समिति ने इस बात का खुलासा किया है. पुराने मोबाईल फोन्स को रीसाइकल करके यह पदक बनाए गए हैं. 

प्रतीकात्मक फोटो| Photo Credit: Olympics

नई दिल्ली. ओलंपिक्स विश्व का सबसे बड़ा और भव्य खेल समारोह है. तमाम देशों से खिलाड़ी इसमें अलग-अलग खेलों में भाग लेते हैं और अपने और अपने देश के लिए पदक जीतने की कोशिश करते हैं. कोविड के कारण 2020 में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेल इस समय टोक्यो में चल रहे हैं. टोक्यो ओलंपिक्स की आयोजक समिति ने 2019 में यूट्यूब के अपने चैनल पर एक वीडियो डाला था, जिसमें उन्होंने पहली बार ओलंपिक्स 2020 के पदकों के बारे में कोई जानकारी शेयर की थी. यह वीडियो बताती है कि कैसे खिलाड़ियों को दिए जाने वाले सभी स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक पुराने मोबाईल फोन्स और दूसरे छोटे इलेक्ट्रॉनिक आइटमों को रीसाइकल करके बनाए गए हैं. आइए जानें कि इन कीमती पदकों को बनाने की प्रक्रिया आखिर क्या है..

  1. टोक्यो ओलंपिक्स की आयोजक समिति ने बताया कि कैसे बने हैं इस बार के पदक
  2. पुराने मोबाईल फोन्स को रीसाइकल करके बनाए गए हैं पदक 
  3. 2017 से चल रही है पदक बनाने की प्रक्रिया.

 
कैसे बने यह पदक!

यूट्यूब पर डाली गई इस वीडियो के अनुसार पदक बनाने की यह प्रक्रिया 2017 से शुरू कर दी गई थी. पुराने मोबाईल फोन्स और कई दूसरे इलेक्ट्रॉनिक आइटमों का कलेक्शन 31 मार्च, 2019 तक बंद कर दिया गया था. ऐसा बताया जा रहा है कि 75 हजार टन सामान, जापान की 1,621 नगरपालिकाओं द्वारा एकत्रित किया गया था. जापान की निप्पॉन टेलेग्राफ एण्ड टेलीफोन कॉर्पोरेशन (NTT) ने करीब 62 लाख फोन जमा किए हैं जिससे लगभग 5000 पदकों के लिए 32 किलो सोना, 3,500 किलो सिल्वर और 2,200 किलो ब्रॉन्ज़ बनाया गया. इसके बाद इन्हें पिघलाकर पदक बनाए गए.

 

ऐसा क्यों किया गया?

ओलंपिक्स के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रतियोगिताओं के लिए पदक पुराने एलेक्टरनॉइक आइटमों को रीसाइकल करके बनाए गए. आयोजक समिति का कहना है कि खुरदुरे पत्थरों से चमकते पदक बनाने की यह प्रक्रिया ही खिलाड़ी की मेहनत का प्रतीक है. समिति ने जापान के लोगों का भी आभार प्रकट किया कि उन्होंने अपने पुराने फोन आदि देकर इस कोशिश को सफल बनाया.

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