आम जिंदगी में ज्यादातर चीजों का ऑनलाइन हो जाना जितनी सुविधाजनक है, उतने ही साइबर क्राइम या फ्रॉड के खतरे भी हैं. अगर सतर्क न रहे तो आर्थिक और डाटा का नुकसान होना तय है. इसमें फिशिंग ई-मेल (Phishing Email) की भी बड़ी भूमिका होती है. यहां फिशिंग ईमेल का मतलब एक फ्रॉड ईमेल मैसेज से है.
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नई दिल्ली: आम जिंदगी में ज्यादातर चीजों का ऑनलाइन हो जाना जितनी सुविधाजनक है, उतने ही साइबर क्राइम या फ्रॉड के खतरे भी हैं. अगर सतर्क न रहे तो आर्थिक और डाटा का नुकसान होना तय है. इसमें फिशिंग ई-मेल (Phishing Email) की भी बड़ी भूमिका होती है. यहां फिशिंग ईमेल का मतलब एक फ्रॉड ईमेल मैसेज से है. यह काफी हद तक वैसा ही दिखता है, मानो आपको कंपनी ने ऑफिशियल तरीके से भेजा हो.
आपके मेल बॉक्स ऐसे फिशिंग ईमेल आते रहते हैं. इससे बचना बेहद जरूरी है. ऐसे फिशिंग ईमेल में आपसे आपकी निजी फाइनेंशियल जानकारी उपलब्ध कराने की डिमांड की जाती है. एक बार अगर आपने अपनी सूचना ऐसे ईमेल पर दे दी तो समझ लीजिए आपको फ्रॉड करने वाले लोग कभी भी आर्थिक या दूसरी परेशानी दे सकते हैं. ऐसे फिशिंग ई-मेल से बिल्कुल बचकर रहने की जरूरत है.
फिशिंग ईमेल की पहचान
-फिशिंग ईमेल की पहचान बेहद जरूरी है. इसके लिए कई तरीके हैं. यूजर अगर थोड़ी गंभीरता से इन्हें समझें तो बड़ी आसानी से इसे पहचान जाएंगे.
-फिशिंग ई-मेल सही तरीके से नहीं लिखे होते हैं. उनमें ग्रामर मिस्टेक्स, गलत स्पेलिंग और दूसरी गलतियां आपको दिख जाएंगी.
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-फिशिंग स्कैमर्स अक्सर कंपनियों के मिलते-जुलते लोग तैयार करते हैं जो स्पष्ट नहीं होते. ऐसे ईमेल में आपसे आपकी जानकारी मांगी जा रही हो तो यह फिशिंग ईमेल हो सकते हैं.
-इस तरह के ईमेल हमेशा एक लिंक के साथ जुड़े होते हैं, ताकि आप उसपर क्लिक करें. ध्यान रहे ऐसे अननोन लिंक पर कभी भी क्लिक न करें. आप गौर से देखेंगे तो पता चलेगा कि आपसे जुड़ी कंपनी के यूआरएल (URL) मैच नहीं करते हैं. लिंक क्लिक भी हो जाए तो इसपर आगे कोई अपनी जानकारी शेयर न करें.