लेकिन उनके सारे सपने तब टूट गए थे जब 16 साल की उम्र में ही एक हादसे में वो अपना एक पैर गवां बैठी थीं. उस वक्त वो जिस दर्द और डर से गुजरी उससे उबरना आसान नहीं था. ये इसलिए भी मुश्किल था क्योंकि सुधा को हमेशा से डांस का शौक था और इस हादसे से पहले वो डांस किया करती थीं.
यूं तो सुधा चंद्रन को इंडस्ट्री में दशक हो चुके हैं. लेकिन उन्हें असली पहचान मिली स्टार प्लस के शो कहीं किसी रोज से. जिसमे सबसे ज्यादा पॉपुलर हुआ था उनके कैरेक्टर रमोला सिकंद का गैटअप. इस किरदार से वो घर-घर में खूब पॉपुलर हुईं.
खासतौर से क्लासिकल डांस में माहिर सुधा अपनी हिम्मत ही उस वक्त हार बैठी थीं. लेकिन उनके हौसले के आगे सब कुछ हार गया. 3 साल तक वो डांस नहीं कर पाईं लेकिन इससे उनकी हिम्मत कम नहीं हुई बल्कि 3 साल के बाद उन्हें एक नई उड़ान मिली नकली पैरों के रूप में.
इसके बाद वो फिर से डांस करने लगीं. और कुछ समय के बाद उन्हें साउथ की एक फिल्म मयूरी मिली जो हिंदी में भी बनी. ये फिल्म उन लोगों के लिए खास थी जो कहीं ना कहीं किसी वजह से अपना हौंसला खो बैठे थे. इसके बाद वो छोटे पर्दे पर आईं.
चंद्रकांता, कभी इधर कभी उधर, अंतराल, कहीं किसी रोज, क्योंकि सास भी कभी बहू थी और नागिन में अपनी दमदार भूमिकाओं के लिए उन्हें याद किया जाता है. आज वो इंडस्ट्री की सबसे महंगी एक्ट्रेस हैं. रिपोर्ट्स की माने तो एक एपिसोड के 3 लाख तक लेती हैं.
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