नई दिल्ली: भारत में घूमने के लिए कई जगह हैं. कई टूरिस्ट स्पॉट तो इतने फेमस हैं कि वहां आपको हजारों लोगों की भीड़ मिल जाएगी. पर हमारे विशाल और खूबसूरत देश में कुछ टूरिस्ट स्पॉट ऐसे भी हैं जो घोस्ट टूरिज्म (Ghost tourism) के लिए प्रसिद्ध हैं, यहां लोग अलौकिक चीजें देखने और महसूस करने आते हैं. इसका जवाब आज तक विज्ञान भी नहीं खोज पाया. भारत की इमारतें ना जाने कितने दशकों के इतिहास को संजोए बैठी हैं. आज आपको देश की कुछ ऐसी ही रहस्यमयी जगहों के बारे में बताते हैं...
देश की राजधानी में एक जगह ऐसी है जहां से निकलने में लोगों की सांसें अटकती हैं. दिल्ली कैंट से जाने वाले लोग अजीबो-गरीब दावा करते हैं. उन लोगों का दावा है कि यहां से जाने पर सफेद साड़ी पहने एक लड़की दिखाई देती है और वो लोगों से लिफ्ट मांगती है. अगर कोई लिफ्ट नहीं देता है, तो वह उसके पीछे दौड़ती है.
मेरठ के इस इलाके के बारे में कई रहस्य हैं. बताया जाता है कि यहां लाल रंग की साड़ी पहनकर एक औरत कभी बिल्डिंग के ऊपर तो कभी बिल्डिंग से बाहर आते हुए दिखती है. कुछ लोगों का दावा है कि यहां चार लड़कों को घर में टेबल पर बीयर पीते भी देखा गया है. इन अजीबो-गरीब घटनाओं की वजह से लोगों ने अब इसके अंदर नहीं जाते हैं.
डी.सूजा चॉल, महिम, मुंबई में स्थित है. दावा किया जाता है कि इस चॉल के आस-पास एक भूतनी की आत्मा भटकती है. यह करीब 25 साल पहले इसी चॉल में रहती थी. वह एक रात कुएं पर पानी भरने गई थी गलती से कुएं में गिर गई और मर गई. फिलहाल अब यह कुआं बंद कर दिया गया है. लोगों का दावा है कि तब से ही उसकी आत्मा चॉल में भटक रही है.
गुजरात के समुद्री तट पर स्थित दमस बीच भी रहस्य से भरा हुआ है. यहां पर हमेशा पर्यटक आते रहते हैं. पर्यटक यहां पहुंचकर खूब लुत्फ उठाते हैं, लेकिन स्थानीय लोगों की बातें सुनने के बाद अच्छे-अच्छों की रूह कांप जाती है. स्थानीय लोगों का दावा है कि इस बीच पर अदृश्य ताकतें रहती हैं. सूर्य के अस्त होने के बाद इस बीच पर चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनाई देती हैं. किसी समय यहां कब्रें हुआ करती थीं.
राजस्थान के कुलधरा गांव की आबादी कभी 1500 हुआ करती थी, लेकिन एक दिन रातों रात सभी लोग गायब हो गए. तब से लेकर आज तक कोई उस गांव में नहीं बस पाया है. लोग ऐसा दावा करते हैं कि यह गांव करीब 200 सालों से वीरान पड़ा है. यह गांव जैसलमेर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह गांव 1291 में पालीवाल पंडितों द्वारा बसाया गया था. एक दिन अचानक लोग रात में गायब हो गए, तब से ही इस गांव को भुतहा मान लिया गया. तब से ही लोग इस गांव को भुतहा कहते हैं. लेकिन लोग कहां चले गए यह रहस्य आज तक बना हुआ है.
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